केरल : कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने CM पिनराई विजयन को लिखा पत्र, जानिए क्या है पूरा मामला - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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केरल : कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने CM पिनराई विजयन को लिखा पत्र, जानिए क्या है पूरा मामला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति में हस्तक्षेप के आरोपों का सामना कर रही उच्च शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति में हस्तक्षेप के आरोपों का सामना कर रही उच्च शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग की।चेन्नीथला ने पत्र में कहा कि हालांकि विश्वविद्यालय मंत्री के लिए अपने कुलपति समर्थक रवैये के रूप में किसी विशेष विशेषाधिकार की गारंटी नहीं देता है।
चेन्नीथला ने CM पिनराई विजयन को लिखा पत्र 
इसमें कहा गया कि उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शीर्ष पद पर अपने उम्मीदवार को फिर से नियुक्त करने का राज्यपाल पर दबाव डाला, जो ‘‘भ्रष्टाचार’’, ‘‘भाई-भतीजावाद’’, ‘‘सत्ता का दुरुपयोग’’ और ‘‘पद की शपथ का उल्लंघन’’ है।पत्र में कहा गया है, ‘‘इसलिए, उच्च शिक्षा मंत्री को कार्यालय में एक सेकेंड के लिए भी बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं आपसे (मुख्यमंत्री) अनुरोध करता हूं कि अगर वह खुद इस्तीफा नहीं देती हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने के लिए कदम उठाएं।’’कांग्रेस नेता ने राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को लेकर पिछले कुछ दिनों में सामने आ रहे ‘गंभीर’ आरोपों की ओर इशारा किया।
केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है-चेन्नीथला 
उन्होंने कहा कि केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वह इसके मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में बने रहना नहीं चाहते हैं। राज्यपाल ने कहा था कि उन पर कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में डॉ गोपीनाथ रवींद्रन को फिर से नियुक्त करने का दबाव था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें ऐसा निर्णय लेने के लिए किसने मजबूर किया।चेन्नीथला ने पत्र में आरोप लगाया कि जैसा कि दूसरे दिन राज्यपाल को भेजा बिंदू का सिफारिशी पत्र सामने आया था, अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह उच्च शिक्षा मंत्री थीं जिन्होंने दबाव डाला था।विपक्ष के पूर्व नेता ने दावा किया कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में न तो सरकार और न ही उच्च शिक्षा मंत्री की कोई भूमिका या अधिकार है।

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