केरल हाई कोर्ट ने पूछा, छेड़खानी करने वाले पुजारी की कौन सा भगवान स्वीकार करता होगा प्रार्थना? - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

केरल हाई कोर्ट ने पूछा, छेड़खानी करने वाले पुजारी की कौन सा भगवान स्वीकार करता होगा प्रार्थना?

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।”

‘आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा जो बच्चों के साथ छेड़खानी करता है’ केरल हाई कोर्ट ने बलात्कार के जुर्म में एक साधु को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए ये टिप्पणी। आरोपी साधु नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार करने के आरोप में दोषी पाया गया है।
न्यायमूर्ति के विनोद और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने मंजेरी के निवासी मधु को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं। इस मामले में हमने एक ऐसे पुजारी को देखा जिसने बस बडी लडकी को , वो भी उसके भाई-बहनों की मौजूदगी, बार बार छेड़ने के लिए परित्यक्त महिला एवं उसके तीन बच्चों को अपने पास रखा। हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा?’’ हाई कोर्ट पॉक्सो कोर्ट के आदेश के विरूद्ध सुनवाई कर रहा है।

8 महीनों में कई बार हैवानियत का शिकार हुई 15 वर्षीय मासूम, 2 नाबालिग समेत अब तक 24 गिरफ्तार

कोर्ट ने कहा, ‘‘लेकिन बलात्कार का अपराध साबित हो जाने के बाद आरोपी धारा 376 (1) के तहत दोषी करार देने के लायक है। आरोपी का पीड़िता के साथ विशेष संबंध तथा अभिभावक के दर्जे पर गौर करते हुए हमारा मत है कि अपीलकर्ता को अधिकतम सजा सुनायी जाए।’’ अभियोजन के अनुसार गंभीर मानसिक रूग्णता संकेत वाली मा और उसके तीन बच्चों को एकमार्च, 2013 को भटकते हुए पुलिस ने पाया। 
पूछताछ के दौरान सबसे बड़ी लड़की ने पुलिस के सामने खुलासा कि उसकी मां जिस व्यक्ति के साथ रह रही थी वह एक साल से उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी मंदिर का पुजारी नशे में घर आता था, मां एवं बच्चों के साथ मारपीट करता था और बड़ी लड़की पर उसके भाई-बहनों के सामने यौन हमला करता था। हाई कोर्ट ने कहा कि मेडिकल जांच में यौन हमले की पुष्टि हुई है और लड़की का भाई इस अपराध का गवाह भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।