हरिद्वार में आज 1 अप्रैल सेसे कुंभ मेला शुरू हो गया है। आज सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर की पौड़ी पर स्नान करते दिखे। एक श्रद्धालु ने बताया कि सरकार ने यहां बहुत अच्छा प्रबंध किया है, नियमों का पालन हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते इस बार कुंभ मेले की अवधि पहली बार घटा दी गई है। कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक ही चलेगा और इसके चलते गाइडलाइन भी जारी की गई है, जिसे श्रद्धालुओं को हरहाल में पालन करना होगा। कोरोना को लेकर कुंभ मेले में प्रवेश को लेकर भी काफी सावधानियां बरती जा रही हैं। महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी, जिसमें उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि होगी।
कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार ये पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाए 11वें साल में आयोजित हुआ है। दरअसल अमृत योग का निर्माण काल गणना के अनुसार होता है. जब कुंभ राशि का गुरु आर्य के सूर्य में परिवर्तित होता है. यानी गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे। इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है। 83 वर्षों की अवधि के बाद, इस वर्ष यह अवसर आ रहा है. इससे पहले, इस तरह की घटना वर्ष 1760, 1885 और 1938 में हुई थी।
अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को तीन दिन प्रमुख शाही स्नान होंगे। इनके अलावा 13 अप्रैल को चैत्र प्रतिपदा और 21 अप्रैल को होने वाले राम नवमी के पर्व पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। कुंभ स्नान के लिए इस बार पहले पंजीकरण कराना जरूरी होगा।