ओडिशा के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख चार धाम में से एक है, जहां पर चार धाम की यात्रा के दौरान सबसे अंत में दर्शन किया जाता है. वैष्णव परंपरा से जुड़े आस्था के इस पावन धाम को धरती का वैकुण्ठ कहा जाता है. चमत्कारों से भरा भगवान जगन्नाथ का मंदिर अपने भीतर न जाने कितने रहस्यों को समेटे हुए है
जगन्नाथ मंदिर को इस रविवार से श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला
कोविड महामारी शुरू होने के करीब दो साल बाद, ओडिशा सरकार ने 12वीं शताब्दी के भगवान जगन्नाथ मंदिर को इस रविवार से श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला किया।
जनवरी में महामारी की तीसरी लहर के दौरान नए मामलों में वृद्धि के कारण मंदिर करीब 21 दिनों तक बंद रहा था। उसके बाद 21 फरवरी को मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। लेकिन यह सोमवार से शनिवार तक ही खुला रहता था। मंदिर रविवार को साफ-सफाई के लिए बंद रहता था।
रविवार को मंदिर खोलने का फैसला राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या में आयी कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि तटीय राज्य में रविवार को 45 नए मामले सामने आए जो लगभग दो वर्षों में सबसे कम है। संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 12,87,153 हो गयी है।
ओडिशा में अब 627 मरीज उपचाराधीन हैं जबकि 12,77,357 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं।
कोविड मामलों में देश भर में कमी आने और महामारी की स्थिति में सुधार को देखते हुए,
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने रविवार को मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति – देने का निर्णय लिया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मंदिर को बंद करने के बजाय अब रात के समय साफ-सफाई की जाएगी।
श्रद्धालुओं पर लगे अधिकतर प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, लेकिन कोविड संबंधी उचित व्यवहार जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथों की सफाई आदि का पालन करना होगा।