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मध्यप्रदेश सरकार ने शराब, पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाया 5 फीसदी वैट

मध्यप्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) पांच-पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है, जिससे पेट्रोल और डीजल लगभग तीन-तीन रुपए प्रति लीटर की दर से महंगा हो गया है।

मध्यप्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) पांच-पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है, जिससे पेट्रोल और डीजल लगभग तीन-तीन रुपए प्रति लीटर की दर से महंगा हो गया है। सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए शराब पर भी वैट पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है। 
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बढे हुई दरें शुक्रवार की रात्रि 12 बजे से लागू भी हो गई हैं। पेट्रोल और डीजल पर वैट पांच पांच प्रतिशत बढ़ने से इनकी दरें क्रमश: दो रुपए 90 पैसे और दो रुपए 85 पैसे प्रति लीटर अधिक हो गई हैं। इसके चलते पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर के पार और डीजल 70 रुपए प्रति लीटर से अधिक की दर पर बिकेगा। 
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के कारण भारी जानमाल, वित्तीय और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। नागरिकों को राहत देने और पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना आवश्यक है। राज्य ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता भी मांगी है। इसके साथ ही शराब पर पांच प्रतिशत वैट बढ़या गया है। 

अनुभवहीनता और गलत नीतियों के कारण देश में आर्थिक मंदी : कमलनाथ

इससे प्रतिमाह लगभग 45 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। यह काफी कम होने से पेट्रोल और डीजल पर भी वैट पांच पांच बढ़ाया गया है। अनुमान है कि पेट्रोल, डीजल और शराब पर वैट बढ़ने से राज्य कोषालय को प्रतिमाह लगभग दो सौ करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। राज्य सरकार का दावा है कि वैट में वृद्धि राज्य के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति के कारण एक अस्थायी उपाय है। 
वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने पेट्रोल और डीजल पर वैट पांच पांच प्रतिशत बढ़ने के निर्णय को जनविरोधी बताया है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य में किसान, व्यापारी और नौजवान विरोधी सरकार है और उसे यह जनविरोधी निर्णय वापस लेना चाहिए। भार्गव ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार ने पहले‘ट्रांसफर उद्योग’से लूटा और ‘ट्रांसफर अलाउंस’ पर जनता का धन खर्च किया। अब सरकारी कोष भरने के लिए जनता पर भार बढ़ाया जा रहा है। 
राज्य में विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते  कमलनाथ ने अगस्त 2018 की पत्रकार वार्ता में कहा था कि कांग्रेस के सरकार में आने पर पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: पांच और तीन रुपए कम किए जाएंगे, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में दूसरी बार बेतहाशा वृद्धि की है। 
अग्रवाल का कहना है कि कमलनाथ ने ही सितंबर 2018 में सरकारों को शराब पर कर बढ़ाने और पेट्रोल तथा डीजल के दाम करने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने सत्ता में आने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों और आम आदमी पर बोझ बढ़ाया है।

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