मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले झाबुआ में भी महाशिवरात्री का पर्व उत्साह एवं उमंग के साथ कल मनाया जाएगा। जिले के झाबुआ-मेघनगर नगर रोड पर अनास नदी के किनारे त्रितापेश्वर पारद शिवलिंग एवं दूधेश्वर महादेव के मंदिर पारद शिवलिंग हैं, जहां पर सवा कि्वंटल वजनी शिवलिंग स्थापित है। यह एशिया की तीसरी सबसे बडी शिव प्रतिमा है।
मंदिर परिसर में हनुमान की भी विशाल प्रतिमा स्थापित है। शिवरात्री के पर्व पर कल यहां सुबह से ही श्रद्वालुओं का भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिये बडी संख्या में भीड उमडेगी। लोग भगवान का दूध, जल, दही से अभिषेक करेंगे। वहीं बेल पत्र, आंकडा पुष्प,धतूरा चढाते हैं। वहीं भांग की प्रसाद भी चढाई जाती है। वहीं, नदी के दूसरे किनारे पर दूधेश्वर महादेव का मंदिर है, यहां पर मेला भरता है और बडी संख्या में लोग यहां पर भी भगवान के दर्शनार्थ आते हैं।
झाबुआ से ही इंदौर अहमदाबाद मार्ग पर सात किलोमीटर दूर स्थित देवझरी का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यहां पर नर्मदा कुंड भी है, जिसमें बारह माह चौबीस घंटे नर्मदा का पानी बहता रहता है। यहां स्थित शिव मंदिर में बडी संख्या में आदिवासी ग्रामीणों के साथ ही भगवान के दर्शनार्थ जुटते हैं और मेला भी भरता है। झाबुआ जिला मुख्यालय पर भी कई शिव मंदिर हैं, जहां पर बडी संख्या में भगवान की झांकिया संजाई जायेगी और नगर में भगवान की शोभा यात्रा निकाली जायेगी तथा किंवटलों से साबुदाना खिचडी प्रसादी के रूप में वितरित की जायेगी।