देश भर में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, तो वही महाराष्ट्र में राजनीति गरमा रही है। इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा है।
बालासाहब थोराट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदेश में भाजपा नेता सत्ता के लालची हैं। वे वर्तमान स्थिति में सरकार की मदद करने की नहीं सोच सकते बल्कि वे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ राजस्व विभाग का प्रभार संभाल रहे थोराट ने कहा कि सरकार के स्थायित्व को लेकर कोई चिंता नहीं है क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन स्थिर है और सही तरीके से काम कर रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या राकांपा प्रमुख शरद पवार के आसपास कोई कांग्रेस नेता क्यों नजर नहीं आता है तब उन्होंने कहा,‘‘हम फोन पर एक दूसरे के संपर्क में हैं। नजर आने या नजर नहीं आने में कुछ अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।’’ दिलचस्प यह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र सरकार में अहम निर्णयों में शामिल नहीं है।
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गांधी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र सरकार का समर्थन जरूर कर रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में अहम निर्णय लेने में हम शामिल नहीं हैं।’’उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को केंद्र से पूरे सहयोग की जरूरत है क्योंकि राज्य एक मुश्किल संघर्ष से जूझ रहा है।
महाराष्ट्र में तब राजनीतिक पारा गरमा गया जब पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की अगुवाई में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मुलाकात की और कोविड-19 संकट से निपटने में सरकार के ‘विफल’ रहने की शिकायत की।
शिवसेना ने किसी भी पार्टी या नेता का नाम लिये बगैर कहा कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की विपक्ष की कोशिश उसी पर भारी पड़ सकती है जबकि राकांपा ने भाजपा पर यह अफवाह फैलाने का आरोप लगाया कि राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग सोमवार को भाजपा सांसद नारायण राणे ने राजभवन में राज्यपाल से मिलने के बाद की थी।