महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों से इलाज के लिए ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरों, जिलों और तहसीलों में इनके इलाज का शुल्क तय किया हुआ है। यहां संवाददाता सम्मेलन में पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने महामारी के दौरान अस्पताल से मरीजों को दिए जाने वाले बिलों के सत्यापन के लिए ऑडिटर नियुक्त किए हैं।
आज दिन में पवार, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और अन्य जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों ने उस्मानाबाद और बीड में महामारी के हालात की समीक्षा की। पवार ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए धन की कोई कमी नहीं है और प्रत्येक विधायक को विकास कार्यों के लिए दिए जाने वाले चार करोड़ रुपये में से एक करोड़ रुपये कोविड-19 से जुड़ी चीजों पर खर्च हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जरुरत होने पर इस एक करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाया जा सकता है। राकांपा नेता ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमित लोगों की संख्या और संक्रमण दर ज्यादा है वहां नमूनों की जांच बढ़ाने को कहा गया है और स्थानीय निकाय तथा पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाएं और संक्रमण के मामलों में गिरावट आने पर भी ढील ना बरतें।
फसल ऋण के बारे में पवार ने कहा कि देखा जा रहा था कि बड़े बैंक बड़े-बड़े किसानों को पैसे दे रहे हैं और उनके लाभार्थियों की संख्या जिला सहकारी बैंकों के मुकाबले कम है। इस समस्या के हल के लिए मुंबई में जल्दी ही एक बैठक होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को 15 जुलाई तक ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा।