पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में शनिवार को बाढ़ से थोड़ी राहत मिलने के संकेत दिखे और जलमग्न इलाकों से पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिलों से पानी पूरी तरह हटने में दो से तीन दिन का समय लगेगा।
बहरहाल, पूरी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है और बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान तथा वहां फंसे हुए लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने का काम अब भी जारी है। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव देशमुख ने को बताया, “पूरी स्थिति में थोड़ा सुधार है। पानी का स्तर धीरे-धीरे घट रहा है। कोल्हापुर में इस वक्त जलस्तर 52 फुट है जबकि खतरे का निशान 47 फुट है। मौजूदा बाढ़ की स्थिति के दौरान जलस्तर सबसे अधिक 57 फुट था।”
अधिकारियों ने बताया कि जिले में बारिश थम गयी है और स्थिति में अब सुधार होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि पास के सांगली जिले में भी जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। सुबह छह बजे तक वहां जलस्तर 56.7 फुट था। इस बीच बृहस्पतिवार को सांगली जिले की पालुस तहसील में ब्रह्मानल गांव के पास बाढ़ राहत अभियान के दौरान नौका पलटने की घटना में तीन और शव मिले हैं। घटना में नौ लोग डूब गये थे और इतने ही लोग लापता थे।
अधिकारी ने बताया, “हमने तीन और शव बरामद किये हैं। इनमें एक लड़की का शव भी शामिल है। इसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 12 हो गयी है।” रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार कोल्हापुर एवं सांगली जिलों में नौसेना के 110 कर्मियों के साथ 26 टीमें और 26 नौकाएं राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हैं और वे तब तक वहीं बने रहेंगे, जब तक बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं होता।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि बचाव अभियान में सहायता के लिये विशाखापत्तनम से नौसेना की अतिरिक्त 15 टीमें शनिवार दोपहर तक कोल्हापुर पहुंचेगी। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल कोल्हापुर जिले में नौसेना की 14 टीमें और सांगली जिले में 12 टीमें हैं जो बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने में राज्य प्रशासन की मदद कर रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार भीषण बाढ़ की चपेट में आये कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे और शोलापुर जिलों से 2.85 से अधिक लोगों को निकाला गया है और शुक्रवार तक इन जिलों में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई।