देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का भविष्य अब धीरे-धीरे अंधेरे में डूबता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई का असर अब तमाम अन्य राज्यों से भी आने लगा है। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी कांग्रेस को बुधवार को एक बड़ा राजनीतिक धक्का लगा। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के प्रमुख नेता और राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके कृपाशंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
राजनीतिक गलियारों में चल रही हलकानों को मानें तो कृपाशंकर सिंह का भाजपा में आना इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि कुछ ही समय में बृहनमुंबई नगरपालिका (बीएमसी) चुनाव होने हैं। कुछ सालों से उत्तर भारतीय ही भाजपा का मुख्य वोट बैंक रहे हैं। ऐसे में सिंह पार्टी के वोटरों में इजाफा कर सकते हैं। सिंह पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में भाजपा में सम्मिलित हुए।
सिंह ने भाजपा में शामिल होने से पहले कहा था, ‘मैंने अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। इसे हटाए जाने की प्रक्रिया का विरोध किया जा सकता था लेकिन कांग्रेस को इसे हटाने का विरोध नहीं करना चाहिए था। मैंने पार्टी के रुख को लेकर सवाल किए लेकिन जवाब नहीं मिला। मैं बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो रहा हूं।’
बता दें कि सिंह ने सितंबर 2019 में ही कांग्रेस छोड़ दी थी। उनका आरोप था कि पार्टी आलाकमान उन्हें साइड लाइन कर रहा है। हालांकि, सिंह ने इससे पहले ही पार्टी गतिविधियों से दूरी बनाना शुरू कर दिया था। माना जाता है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष अदालत द्वारा साल 2018 में बरी होने के बाद से सिंह की बीजेपी से करीबी बढ़ी थी। कृपाशंकर सिंह अक्टूबर 2014 तक विधायक रह चुके हैं।