महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने चार सदस्यीय समिति गठित की है जो अधिकृत निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 जांच शुल्क की समीक्षा करेगी। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को दी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक टोपे ने कहा कि सात दिनों में शुल्क निर्धारित किया जाएगा। बयान के मुताबिक स्टेट हेल्थ एश्योरेंस सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधाकर शिंदे को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं चिकित्सा शिक्षा और शोध निदेशालय में संयुक्त निदेशक अजय चंदनवाले, ग्रांट राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की प्रोफेसर अमिता जोशी और स्वास्थ्य सेवा के निदेशक समिति के सदस्य होंगे।
ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्य के 44 सरकारी और 36 निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 जांच के लिए अधिकृत किया है। सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच मुफ्त है जबकि निजी प्रयोगशालाओं में जांच कराने के लिए आईसीएमआर ने 4,500 रुपये का अधिकतम शुल्क निर्धारित किया है।
बता दें, महाराष्ट्र में शनिवार को कोविड-19 के 2,739 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 82,968 हो गई है जबकि 120 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या 2,969 पहुंच गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने एक बयान में बताया कि दिन में 2,234 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। अब तक इस बीमारी से 37,390 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
इसमें कहा गया है कि राज्य में अभी 42,609 मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक कुल 5,37,124 नमूनों की जांच की गई है। ध्यान देने वाली है कि भारत अब संक्रमण के मामलों में इटली से आगे निकल गया है, जहां कुल 2,34,531 मामले दर्ज किए गए हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘पिछले 24 घंटों के दौरान, कुल 4,611 कोविड-19 रोगी ठीक हुए हैं। इस प्रकार, अब तक कुल 1,14,073 कोविड-19 रोगी ठीक हुए हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दी 48.20 प्रतिशत है।’