मुंबई उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को स्वयं को अलग कर लिया, जिसमें उन्होंने धनशोधन मामले में जमानत का अनुरोध किया है।न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि वह ‘व्यक्तिगत कारणों’ से याचिका पर सुनवाई नहीं कर पाएंगी। देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
अनिल देशमुख का ईडी पर आरोप ,
इस साल मार्च में एक विशेष अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद राकांपा नेता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है और ईडी के मामले को झूठा करार दिया है ।अधिवक्ता अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह के जरिए उच्च न्यायालय में दायर अपनी जमानत अर्जी में देशमुख ने कहा कि उन्हें ईडी ने झूठे मामले में फंसाया है और आरोप लगाया कि एजेंसी अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रही है।
ईडी ने जमानत याचिका का किया विरोध ,
ईडी ने अपने हलफनामे में जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि देशमुख साजिश के पीछे के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हैं और उन्होंने गृह मंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद ईडी ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
किन -किन आरोप में है बंद
देशमुख पर आरोप है कि राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य करते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार से 4.70 करोड़ रुपये एकत्रित किए। वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर एक वाहन में विस्फोटक सामग्री मिलने और मनसुख हिरन की हत्या के मामलों के बाद गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।