शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा विधानमंडल को कथित तौर पर ‘‘चोरमंडल’’ कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राउत की इस टिप्पणी की निंदा की।विधानसभा के निचले सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई भाजपा के नेता आशीष शेलार ने यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘विधायकों को चोर कहा जा रहा है और यह राज्य का अपमान है।’’भाजपा के एक अन्य विधायक अतुल भातखल्कर ने कहा कि उन्होंने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया है।
विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी कहा
विपक्ष के नेता अजित पवार और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है। पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगी हैं।थोराट ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि वास्तव में उन्होंने (राउत ने) क्या कहा। वहीं, सदन में किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बारे में सभी को सावधान रहना चाहिए। हमें ‘राष्ट्र-विरोधी’ तक कहा गया है।’’
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक इस बात पर जोर दे रहे थे कि नोटिस को स्वीकार किया जाना चाहिए।हंगामे के कारण निचले सदन को तीन बार – पहले अध्यक्ष नार्वेकर द्वारा 10 मिनट के लिए, उसके बाद पीठासीन अधिकारी योगेश सागर द्वारा 20 मिनट और 30 मिनट के लिए स्थगित किया गया।इससे पहले दिन में कोल्हापुर में राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कथित तौर पर ‘‘विधिमंडल’’ (विधायिका) को ‘‘चोरमंडल’’ कहा था।