महाराष्ट्र सदन घोटाला - NCP मंत्री छगन भुजबल, बेटे और भतीजे के साथ किये गये आरोप मुक्त - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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महाराष्ट्र सदन घोटाला – NCP मंत्री छगन भुजबल, बेटे और भतीजे के साथ किये गये आरोप मुक्त

मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राज्य के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और सात अन्य को आरोप मुक्त करने की उनकी अर्जी बृहस्पतिवार को स्वीकार कर ली।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राज्य के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और सात अन्य को आरोप मुक्त करने की उनकी अर्जी बृहस्पतिवार को स्वीकार कर ली। भुजबल के अलावा, भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने उनके बेटे पंकज, भतीजे समीर और पांच अन्य को मामले में आरोप मुक्त कर दिया। 
 उन्होंने यह दावा करते हुए आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था कि मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। अदालत में भुजबल, उनके बेटे और भतीजे का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता प्रसाद धाकफालकर ने सजल यादव तथा सुदर्शन खावसे के साथ किया। उन्होंने दलील दी कि उनके खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं और गलत पूर्वधारणा पर आधारित हैं। 
उन्होंने दलील दी कि 2016 में हजारों पृष्ठों वाले आरोपपत्र दाखिल किये जाने के बावजूद मुकदमा चलाने के लिए उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। एसीबी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों को निर्माण (कंस्ट्रक्शन) कंपनी के. एस. चमनकार इंटरप्राइजेज से रिश्वत मिली थी। 
यह मामला 2005-06 में हुए एक सौदे से जुड़ा है, जब राकांपा नेता भुजबल लोक निमार्ण विभाग के मंत्री थे। एसीबी के मुताबिक दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में ठेकेदारों को 80 प्रतिशत फायदा हुआ था, जबकि सरकारी परिपत्र के मुताबिक ऐसे ठेकेदार केवल 20 प्रतिशत फायदे के हकदार हैं। 
अदालत ने 31 जुलाई को मामले में चार अन्य आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया था। एसीबी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र सदन के निर्माण की मूल लागत 13.5 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में यह बढ़ कर 50 करोड़ रुपये हो गई। एसीबी ने दावा किया था कि भुजबल परिवार को निर्माण कंपनी से रिश्वत मिली थी। 

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