Malali Masjid dispute: भारत में मस्जिद को लेकर काफी महीनों से वाद-विवाद चल रहा है हिंदू याचिकाओं का कहना है कि यह मस्जिद अवैध तरीकों से बनाई गई है और यहां पहले हिंदू देवी देवताओं का निवास स्थान था । मलाली मस्जिद(Malali Masjid) कर्नाटक के दक्षिणी जिले की बताई जी रही है जहां पर मस्जिद में निर्माण कार्य के दौरान हिंदू भगवानों के सबूत तथ्य सामने आये हैं, यह मामला 21 अप्रैल का बताया जा रहा हैं। विश्व हिंदू परिषद की तरफ से यह मुकदमा अदालत में पेश किया गया था जिसको अदालत ने 17 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख दिया हैं।
मस्जिद में मिले थे मंदिर के पुरातत्व के साक्ष्य- हिंदू याचिका
मिली जानकारी के मुताबिक हिंदू कार्यकर्ताओं का तर्क है कि इस साल अप्रैल में जीर्णोद्धार के लिए मस्जिद को तोड़ा जा रहा था और इस दौरान एक मंदिर जैसी संरचना के अवशेष मिले थे। यह खबर फैलने के बाद स्थानीय लोग और अन्य कार्यकर्ता 12 अप्रैल को मौके पर एकत्रित होने लगे, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर लोगों को हटाया। अतिरिक्त दीवानी अदालत (तृतीय) याचिकाकर्ता टी.ए. धनंजय और पांच अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने मस्जिद में मंदिर जैसी संरचना मिलने के बाद मामले की जांच का अनुरोध किया गया है।
मस्जिद वक्फ बोर्ड के अंदर आता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला कि मस्जिद(Malali Masjid) की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया था कि मामला वक्फ से संबंधित अदालत के अंतर्गत आता क्योंकि मस्जिद(Malali Masjid) वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उन्होंने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था। यह मस्जिद दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु तालुका में गंजीमठ ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित है।