पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी गोवा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के प्रस्ताव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास गयी थीं, लेकिन कांग्रेस से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन के वर्मा ने यह जानकारी दी।
टीएमसी के साथ गठबंधन की उत्सुक नहीं दिख रही कांग्रेस ने उसे “एक अविश्वसनीय सहयोगी” करार दिया जो उसकी कीमत पर बढ़ने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर टीएमसी के अलगाव के कारण ममता बनर्जी को उससे संपर्क के लिये बाध्य होना पड़ा।
कुछ हफ्ते पहले ममता बनर्जी खुद सोनिया गांधी के पास पहुंचीं – कांग्रेस
वर्मा ने बताया, “कुछ हफ्ते पहले ममता बनर्जी खुद सोनिया गांधी के पास पहुंचीं और कहा कि अतीत में जो कुछ हुआ, उसे पीछे छोड़ दें और 2022 में एक नई शुरुआत की उम्मीद करें। सोनिया जी ने कहा कि वह अपने पार्टी नेतृत्व के साथ इस पर चर्चा करने के बाद जवाब देंगी लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया।”
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए टीएमसी की गोवा प्रभारी महुआ मोइत्रा ने कहा कि कांग्रेस ने कहा कि वो दो सप्ताह में जवाब देगी लेकिन “कोई प्रगति नहीं” हुई।
कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध 2021 में सबसे निचले स्तर पर थे
कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध 2021 में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। टीएमसी ने तब भाजपा के खिलाफ लड़ने में कथित विफलता को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था और उसको एक “अक्षम और अयोग्य” पार्टी करार दिया था, जो “गहरी निद्रा” में चली गई है।
दिल्ली में 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए वर्मा ने कहा कि फरवरी में होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच गठबंधन का प्रस्ताव कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया देने में विफल रहा।
भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को मजबूत किया जाए – वर्मा
यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस उस पार्टी के साथ गठबंधन क्यों चाहती है जिसके नेतृत्व पर भाजपा के खिलाफ लड़ने में विफल रहने का आरोप लगाया गया था, वर्मा ने कहा कि वह चाहती है कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को मजबूत किया जाए।
उन्होंने कहा, “हमें अतीत को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। हमें गोवा में भाजपा को रोकना है। अजीब है, चिदंबरम अब कह रहे हैं कि कोई ठोस प्रस्ताव नहीं था।”
वह “बयानबाजी” में नहीं पड़ना चाहते हैं – चिदंबरम
संपर्क करने पर पी. चिदंबरम ने कहा कि वह “बयानबाजी” में नहीं पड़ना चाहते हैं और इस मुद्दे पर पहले ही बोल चुके हैं।
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कहा कि भगवा खेमे के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने का उसका दावा राष्ट्रीय राजनीति में अलग-थलग पड़ने के बाद एक “बढ़िया तरीके से रचे गए नाटक” से कम नहीं है।
टीएमसी हताशा में सोनिया गांधी तक पहुंच रही है – कांग्रेस
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य चौधरी ने बताया, “टीएमसी हताशा में सोनिया गांधी तक पहुंच रही है। 20 अगस्त को सोनिया जी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक के बाद, टीएमसी ने अचानक एक मोड़ लिया और कांग्रेस पर हमला करना शुरू कर दिया- हमारे नेतृत्व को गाली देने से लेकर मेघालय सहित दूसरे राज्यों में हमारे नेताओं का अवैध शिकार तक किया।”
कांग्रेस अपनी ताकत खो चुकी है और विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व नहीं कर सकती है – टीएमसी
उन्होंने टीएमसी पर “कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सब कुछ करने” का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने यहां तक कहा कि कांग्रेस अपनी ताकत खो चुकी है और विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा, “विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए टीएमसी के प्रयास तब नाकाम हो गए जब अन्य दलों ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन कभी नहीं हो सकता। टीएमसी भाजपा की एजेंट है और कांग्रेस की विनाशक है। वे अब संपर्क कर रहे हैं जब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में वे अलग-थलग हो गए। वे भरोसेमंद सहयोगी नहीं हैं।”
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी गोवा में टीएमसी के साथ गठबंधन करने की इच्छुक नहीं है क्योंकि उसे अपने दम पर जीत का भरोसा है।