प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को समन जारी किया है। जिसके बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
केंद्र हमारे खिलाफ (जांच) एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक रूप से हमसे नहीं लड़ सकता
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन भेजने को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र हमारे खिलाफ (जांच) एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक रूप से हमसे नहीं लड़ सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के मंत्रियों की कोयला माफिया के साथ मिलीभगत है। चुनाव के दौरान कोयला माफिया द्वारा चलाए जा रहे होटलों में भाजपा के नेता रुके।
हम भी केंद्रीय एजेंसी को भाजपा नेताओं के खिलाफ सबूत भेजेंगे
उन्होंने कहा कि अगर आप (भाजपा) हमें ईडी दिखाते हैं, तो हम भी केंद्रीय एजेंसी को भाजपा नेताओं के खिलाफ सबूत भेजेंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में ऐसी प्रतिशोधी पार्टी और सरकार कभी नहीं आई।
अभिषेक बनर्जी (33) लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। उन्हें मामले के जांच अधिकारी के समक्ष यहां छह सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया है, जबकि उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसी तरह का समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया है।
रुजिरा से इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी पहले पूछताछ कर चुका है। अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी से जुड़े एक वकील और कुछ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों को भी अगले महीने अलग-अलग तारीखों पर पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। निदेशालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया था।
सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है। इस मामले में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है। ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है।
एजेंसी ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक व्यक्ति तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के नेता विनय मिश्रा का भाई विकास मिश्रा है। ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है। इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया है कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में ‘‘कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि’’ प्राप्त की। इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये शामिल थे। निदेशालय ने इस मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था।