पश्चिम बंगाल के उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट पर शानदार जीत हासिल की है। ममता ने नंदीग्राम में मिली हार का बदला ले लिया है। ममता बनर्जी ने इस उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल को 58000 वोटों से शिकस्त दी है।
भाजपा उम्मीदवार ने की हार स्वीकार
बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने अपनी हार स्वीकार की है और उन्होंने ममता को जीत की बधाई दी है। वही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के श्रीजीव विश्वास तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2011 में भवानीपुर सीट से सुश्री बनर्जी ने माकपा की नंदिनी मुखर्जी को 54,213 मतों से हराकर उपचुनाव जीता था। इसके बाद 2016 में उन्होंने कांग्रेस की दीपा दासमुंशी को 25,301 मतों से हराकर जीत का सिलसिला बरकरार रखा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी ममता
इस जीत के साथ ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी। 21 राउंड की मतगणना के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुल 1,17,875 मतों में से 84,709 मत प्राप्त किए और कुल मतों का 71 प्रतिशत से अधिक हासिल किया, जबकि तिबरेवाल को 26,350 मत मिले, जो 22 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
भवानीपुर के लोगों ने दिया मुंहतोड़ जवाब – ममता
माकपा उम्मीदवार श्रीजीब बिवास को केवल 4,201 वोट ही मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं भवानीपुर के लोगों की ऋणी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे रिकॉर्ड अंतर से जीतने में मदद की। सबसे दिलचस्प बात यह है कि हम किसी भी वार्ड में नहीं हारे। भवानीपुर में मतदान हमेशा कम रहा है और बारिश भी हुई थी।
इसके बावजूद लोग बड़ी संख्या में बाहर आए और हमें वोट दिया। उन्होंने कहा, हमारे खिलाफ बहुत साजिश की गई है और भवानीपुर के लोगों ने जवाब दिया है। जब हम सभी सीटों पर जीते, तो हम नंदीग्राम में हार गए।
नहीं दिखाऊंगी विजय चिन्ह
मामला विचाराधीन है और इसलिए मैं और कुछ नहीं कहूंगी। मैं दो उंगलियां उठाकर विजय चिन्ह नहीं दिखाऊंगा। मैं स्वार्थी नहीं हूं। मेरे दो साथी जंगीपुर और समसेरगंज से चुनाव लड़ रहे हैं और इसलिए मैं तीन उंगलियां उठाऊंगी। वे भी लीड कर रहे हैं और लोग उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं ताकि वे जीत सकें।
यह पश्चिम बंगाल की जनता की जीत है
मीडिया से बात करते हुए राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, मुझे उनकी जीत के बारे में कोई संदेह नहीं था। यह देखने की मेरी उत्सुकता थी कि क्या वह 50,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत सकती हैं या नहीं। और उन्होंने ऐसा किया। यह भवानीपुर के लोगों के लिए एक जीत है। यह पश्चिम बंगाल के लोगों की जीत है।
यह नंदीग्राम में जिस तरह से विश्वासघाती रूप से पराजित हुई थी, उसका जवाब है। लोगों ने बदला लिया है। उन्होंने दिखाया है कि ममता बनर्जी को रोका नहीं जा सकता इस तरह वह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ प्रमुख चेहरा बनेंगी और यह लोगों का फैसला है।