मनीष तिवारी बोले- कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की होगी जीत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

मनीष तिवारी बोले- कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की होगी जीत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को यहां कहा कि आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतेगी, क्योंकि वहां के लोग सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के विपक्ष में खड़े हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को यहां कहा कि आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतेगी, क्योंकि वहां के लोग सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के विपक्ष में खड़े हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या होंगे, इस पर एक पत्रकार के सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा, हम जीत रहे हैं। हां, हम कर्नाटक जीत रहे हैं।कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होगा जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबले का एक और मंच तैयार हो गया है। यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तिवारी ने कहा, ‘‘देश के लोगों में समानता, न्याय और निष्पक्षता की भावना अंतर्निहित है। वे (लोग) जानते हैं, जब चीजें पहुंचती हैं या बहुत दूर जाती हैं तो वे इसे महसूस कर सकते हैं। मुझे लगता है कि हम इस सरकार (कर्नाटक) के कार्यकाल में एक ऐसे बिंदु पर आ गए हैं जहाँ लोग विपक्ष बन रहे हैं।’’
पंजाब से कांग्रेस सांसद ने कहा, हर सरकार को सावधान रहना चाहिए कि अब विपक्ष की भूमिका विपक्षी पार्टी के पास नहीं है, बल्कि लोगों को हस्तांतरित हो जाती है। यह एक बहुत ही अशुभ संकेत है जिसे आप अपने जोखिम पर नजरअंदाज करते हैं। तिवारी ने सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने से जुड़े कानूनी मुद्दों तथा इसके परिणामस्वरूप लोकसभा से उनकी अयोग्यता के बारे में बात करने के लिए संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के अनुसार, गांधी की दोषसिद्धि और सजा कानून के हिसाब से ठीक नहीं है और उन्हें अयोग्य ठहराया जाना असंवैधानिक है। तिवारी एक वकील भी हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के कोलार में 2019 में गांधी ने अपने भाषण में शिकायत दायर करने वाले व्यक्ति का कोई उल्लेख नहीं किया था।उन्होंने कहा, यह व्यक्तिगत नुकसान का मुद्दा है, जिसमें व्यक्तिगत रूप से व्यथित महसूस करने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत उपाय करना होता है। इस मामले में, शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति को भाषण में कहीं भी संदर्भित नहीं किया गया था।
तिवारी ने कहा कि आपराधिक मानहानि का मामला बनाने के लिए नुकसान पहुंचाने का इरादा भी होना चाहिए, और उच्चतम न्यायालय सहित कई अदालतों ने ऐसा कहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा, इस विशेष उदाहरण में, किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। हां, एक राजनीतिक भाषण के दौरान, राजनीतिक बिंदु थे जो राहुल गांधी द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्राधिकार का मुद्दा भी था। तिवारी ने कहा कि घटना कर्नाटक के कोलार में हुई, लेकिन मामला गुजरात के सूरत में दर्ज किया गया। सांसद ने कहा, इन सभी कारणों से, आपराधिक मानहानि मामले की सामग्री प्रथम दृष्टया नहीं बनती थी। गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के बारे में तिवारी ने कहा कि किसी सांसद को अयोग्य ठहराने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजा भी एक आवश्यकता होती है और चूंकि सजा को अदालत ने 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया था, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित करने का आधार भी नहीं बनता था।
तिवारी ने दलील दी कि इसके अलावा अयोग्य ठहराने की शक्ति लोकसभा के अध्यक्ष या मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष के पास नहीं, बल्कि भारत के राष्ट्रपति के पास है जिन्हें निर्वाचन आयोग की सलाह के आधार पर निर्णय लेना होता है। उन्होंने कहा, इस मामले में, राहुल गांधी को उनकी सजा के 24 घंटों के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया और अगले 24 घंटों के भीतर उन्हें अपना सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया। इन आदेशों से दुर्भावनापूर्ण इरादा स्पष्ट है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऐसा क्यों हो रहा है, यह राजनीतिक हिस्सा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह के संबंध में असहज करने वाले सवाल उठा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस लगातार और बार-बार यह मांग करती रही है कि अडानी के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
तिवारी ने इस बात से भी इनकार किया कि गांधी की दोषसिद्धि के खिलाफ कानूनी उपाय करने में कांग्रेस द्वारा कोई देरी की गई। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के रिकॉर्ड बड़े और गुजराती में थे तथा इसलिए उन्हें सावधानीपूर्वक और सही ढंग से अनुवाद करने में समय लग रहा था। कांग्रेस सांसद ने कहा, इसके अलावा, अदालत ने अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। इसलिए, कोई जल्दबाजी नहीं है। यह भाजपा सरकार है, जिसने जल्दबाजी में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया और उनसे सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा। उनकी दुर्भावना इससे स्पष्ट है। गांधी को उनकी मोदी उपनाम टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को दोषी ठहराया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद, लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में उन्हें यह कहते हुए अयोग्य घोषित कर दिया कि अयोग्यता उनकी सजा के दिन से प्रभावी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।