ओडिशा के मलकानगिरी जिले में बुधवार को माओवादियों के खिलाफ चलाये गये एक अभियान में शीर्ष माओवादी नेता राकेश शोडी मारा गया। उस पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। विशेष अभियान समूह (एसओजी) और जिला स्वयंसेवी बल (डीवीएफ) की ओर से चलाए गये इस संयुक्त अभियान में एक सुरक्षाकर्मी जयराम काबासी शहीद हो गया तथा एक अन्य जवान रामा दुरुआ गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए विमान से विशाखापत्तनम ले जाया गया है।
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी। के। शर्मा ने बताया कि बोंडा घाट के पाकनगुडा वन क्षेत्र में एसओजी और डीवीएफ की ओर से चलाये गये संयुक्त अभियान में राकेश शोडी नामक शीर्ष माओवादी नेता मारा गया। डीजीपी ने कहा कि मारा गया माओवादी ओडिशा-आंध, सीमा पर विशेष क्षेत्रीय समिति का सदस्य था और उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था। वह मलकानगिरी और कोरापुट तथा विशाखापत्तनम के आसपास के क्षेत्रों में कई जघन्य अपराधों में लिप्त था।
श्री शर्मा ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश खिलाड़ के नेतृत्व में मंगलवार रात यह अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आज सुबह सुरक्षाकर्मियों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। इस मुठभेड़ में राकेश मारा गया। घटनास्थल से एक एके-47 राइफल, एक प्वाइंट 303 राइफल, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गयी। उन्होंने बताया कि हथियारों पर खून के निशान लगे हुए हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ अन्य माओवादी भी हताहत हुए हैं।
राकेश छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के घट्टापाडा गांव का रहने वाला था। उस पर 2008 में मंथीराम में हुए हमले में शामिल होने का आरोप था जिसमें एसओजी के 17 जवान शहीद हो गए थे। उसका समूह कोरापुट में 2010 में 50-जी के काफिले पर घात लगाकर हमला करने के लिए भी जिम्मेदार था जिसमें 11 एसओजी जवान शहीद हो गये थे।
इसके अलावा 2012 में जानीगुडा में लैंडमाइन ब्लास्ट में भी शामिल होने का आरोप है जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के चार जवान शहीद हो गए थे। डीजीपी ने बताया कि अभियान के दौरान 60 से अधिक माओवादी मौजूद थे। एक माओवादी मारा गया जबकि अन्य फरार हो गये।