मेघालय विधानसभा के अध्यक्ष डॉनकूपर रॉय का गुरुग्राम में एक निजी अस्पताल में रविवार को निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह 64 साल के थे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रॉय को सबसे पहले शिलांग के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर पिछले 10 दिनों से उनका उपचार चल रहा था। परिवार के सदस्यों ने बताया कि विभिन्न अंगों के काम करना बंद करने के बाद रविवार को उनकी हालत बिगड़ती गयी।
विधानसभा सचिवालय के एक बयान के मुताबिक, ‘‘डॉ. डॉनकूपर रॉय का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दिन में दो बजकर 40 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें 18 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉय के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने कई लोगों की जिंदगी में बदलाव लाए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के हवाले से कहा, ‘‘मेघालय के विधानसभाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. डॉनकूपर रॉय के निधन से दुखी हूं। मेघालय की प्रगति के लिये हमेशा तत्पर रहने वाले रॉय ने बेहद लगन से राज्य की सेवा की और लोगों की जिंदगी बदलने में मदद की।’’
मेघालय विधानसभा के आयुक्त और सचिव एंड्रयू सिमंस ने बताया कि रॉय के पार्थिव शरीर को विमान से सोमवार तड़के उनके आधिकारिक आवास पर ले जाया जाएगा। मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कोनराड के संगमा ने रॉय के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है । उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेघालय के विधानसभा अध्यक्ष डॉ डॉनकूपर रॉय के असमय निधन से गहरा धक्का लगा है। हमने ऐसे नेता, मार्गदर्शक को खो दिया, जिन्होंने लोगों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ईश्वर उनके परिवार को दुख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करें।’’ राज्यपाल तथागत राय ने विधानसभाध्यक्ष के निधन पर शोक प्रकट किया है ।