पूर्वोतर राज्य मेघालय सरकार के मंत्रिमंडल ने पानी की खपत, जल संरक्षण और रक्षा जैसे मुद्दों से निपटने के लिए जल नीति के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। उपमुख्यमंत्री प्रीस्टोन त्येनसोंग ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मसौदा नीति को मंजूरी देने से पहले नीति के कई आयामों पर लंबी चर्चा की।
उन्होंने कहा, “पानी के उपयोग और आजीविका से संबंधित सभी मुद्दों और जल निकायों का संरक्षण कैसे किया जाए, इसका नीति में जिक्र किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर जल स्वच्छता ग्राम परिषद का गठन करके इस नीति के कार्यनियोजन में समुदाय की भागीदारी की बात भी की गई है।
“राज्य जल संसाधन विभाग ने जल निकायों के संरक्षण और रक्षा विशेषज्ञों से सलाह मशवरा करके यह नीति तैयार की है।राज्य के लोगों को होने वाली पानी से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ने कुछ समय पहले ही जल शक्ति मिशन की शुरुआत की है।
मेघालय के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य पहाड़ी है, यहां लगभग पूरे वर्ष काफी बारिश होती है लेकिन जल संरक्षण की कोई व्यवस्था ना होने के कारण हमारे राज्य में जल का संरक्षण नहीं हो पाता और बारिश का सारा पानी जल्द ही बांग्लादेश पहुंच जाता है।
राज्य सरकार के मंत्रिमंडल ने पांचवें मेघालय वेतन आयोग की सिफारिशों पर मेघालय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन को बढ़ाने के वित्त विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।