तेलंगाना में प्रवासी मजदूरों ने अपने पैतृक घर भेजे जाने की मांग करते हुए अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रद्रशन किया। गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले तेलंगाना से लगभग 1,200 मजदूरों को ट्रेन से उनके गृहराज्य रवाना किया गया था। इसी क्रम में विशेष ट्रेन चलने की अफवाह के बाद प्रवासी मजदूर वहां जमा हुए थे।
पेदापल्ली जिले के रामागुंडम में पुलिस ने प्रवासी मजदूरों को यह जानकारी दी कि अपने गृहराज्य जाने के इच्छुक लोगों को ‘ई-पास’ के लिए आवेदन करना होगा जिसके बाद लगभग 500 प्रवासी मजदूरों ने पुलिस से बहस करने के बाद विरोध प्रदर्शन किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘वे सड़क पर बैठ गए और पुलिस कर्मियों से बहस करने लगे।” उन्होंने कहा कि हिंसा भड़कने और कानून-व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
वहीं इसी तरह की मांग करते हुए नागरकुरनूल जिले के उरकोंडा में एक सूत मिल में कार्यरत लगभग 600 प्रवासी मजदूरों ने घर भेजे जाने की मांग करते हुए ही कारखाने के सामने धरना दिया। पुलिस ने उन्हें समझाया कि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उन्हें ई-पास के लिए आवेदन करना चाहिए, जिसके बाद वे चले गए। इस बीच सरकार द्वारा विशेष ट्रेनों के संचालन की अफवाह सुनने के बाद 1,000 से अधिक प्रवासी मजदूर हैदराबाद में टॉलीचौकी क्षेत्र में इकट्ठा हो गए।
पुलिस ने शनिवार को कहा था कि लॉकडाउन के कारण तेलंगाना में फंसे हुए और अपने गृह राज्यों को रवाना होने के इच्छुक लोग ‘एचटीटीपी://टीएसपी.केओओपीआईडी.एआई/ईपीएएसएस’ पर आवश्यक जानकारी देकर ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। रेलवे ने शुक्रवार को तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया तक पहली विशेष ट्रेन चलाई थी जिसमें यहां फंसे हुए 1,200 प्रवासी मजदूरों को रवाना किया गया।