गुजरात चुनाव के नतीजे आने से पहले ही एग्जिट पोल ने राज्य के तमाम विपक्षी दलों को सदमे में डाल दिया हैं। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ऐतिहासिक जीत हासिल करने की ओर अग्रसर हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र सरकार की नीतियों ने चुनाव में विपक्षी दलों को पटकनी दी है। गुजरात में मुख्य रूप से भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है।
पंजाब केसरी की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा 141-147 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं कांग्रेस 22 से 29 सीटों पर ही कब्जा कर पाएगी तथा आम आदमी पार्टी 9 से 13 सीटों पर सिमट जाएगी। अन्य 1 से 3 सीटों पर कामयाबी हासिल कर सकते है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करे तो भाजपा अभी तक की सबसे बड़ी जीत की ओर है। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल द्वारा बीते दिनों की गई भविष्यवाणी पूरी तरह से गलत साबित होगी। आपको बता दें कि केजरीवाल गुजरात में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए थे। हालांकि तमाम एग्जिट पोल ने आप, कांग्रेस को विचार-विमर्श करने पर मजबूर कर दिया है।
मीम-भीम पॉलिटिक्स की गुजरात में एंट्री
गुजरात में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 10 प्रतिशत के करीब है तथा दलित और आदिवासी वर्ग की आबादी भी अच्छी खासी तादाद में है। माना जाता है कि भाजपा विरोधी दल मीम-भीम गठजोड़ बनाकर भगवा पार्टी को हराने का प्रयास करते है। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने मीम फैक्टर को विपक्षी दलों से दूर कर दिया। जिससे भाजपा की राह आसान हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आदिवासी समुदाय का 60 से 65 प्रतिशत मत सीधा भाजपा को गया है। देश के अन्य राज्यों की तरह मीम-भीम गठजोड़ गुजरात में भी बुरी तरह विफल रहा। इस गठजोड़ में दलित समुदाय से अधिक मुस्लिम समुदाय को महत्व दिया जाता है। इसी वजह से यह गठबंधन जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाता। हालांकि किसके पक्ष में नतीजे आएंगे ये तो 8 दिसंबर को साफ हो जाएगा।