रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर अवैध तरीके से नवजात को बेचने का आरोप लगा है। इस बात का खुलासा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने किया। इस मामले में रिटी होम की एक कर्मचारी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही दो और सिस्टर को हिरासत में लिया गया है। दरअसल यूपी के सोनभ्रद से आए एक दंपति की मदद से मिशनरीज ऑफ चैरिटी का यह खेल सामने आया।
इस दंपति ने संस्था से एक लाख 20 हजार में एक बच्चा खरीदा था। दंपति को ये कहा गया कि लिए गए रुपये अस्पताल और बच्चे की असली मां को दिया जाएगा। लेकिन तय रकम चुकाने के बाद जब दंपति को बच्चा नहीं मिला, तो दंपति ने सीडब्ल्यूसी से इसकी शिकायत की। सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा कि दंपति की शिकायत पर जब जांच की गई तो पाया गया कि संस्था में पिछले कई सालों से बच्चों को बेचने का धंधा चल रहा है।
सीडब्ल्यूसी के मुताबिक मिशनरीज आफ चैरिटी की स्टाफ अनिमा और कुछ अन्य सिस्टर्स पिछले कई सालों ये काम कर रही हैं और अबतक यहां से आधा दर्जन बच्चों को बेचा जा चुका है। ये बच्चे रांची के मोरहाबादी, कांटाटोली के अलावा अन्य जगहों में बेचे जा चुके हैं। संस्था की सिस्टर और स्टाफ अनिमा ने बच्चा बेचने के खेल को कबूल कर लिया है।
इस बीच यूपी दंपति को बेचे गए बच्चे की मां अब अपने बच्चे को वापस अपने पास के लिए सीडब्ल्यूसी के पास गुहार लगाई है। कोलवाली थाने की पुलिस ने इस सिलसले में चैरिटी के संचालक और सिस्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ की है।