गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृहक्षेत्र छिंदवाड़ा के प्रवास पर रहेंगे। पार्टी के नेताओं में से एक शाह के दौरे के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी की सभी तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के इस मजबूत क्षेत्र में शाह के दौरे को लेकर भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही। शाह यहां जिला भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और राज्य भाजपा इकाई द्वारा आयोजित एक मेगा रैली में भी भाग लेंगे। वे इस आदिवासीबहुल क्षेत्र में आदिवासी समाज के धर्मगुरुओं के आश्रम में उनके दर्शन करने के बाद वहीं भोजन भी करेंगे।
छिंदवाड़ा क्यों भाजपा के लिए जरुरी है जानें
पार्टी सूत्रों का कहना है कि देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के पूर्व भाजपा का अब पूरा ध्यान पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के हाथ से फिसली सीटों की ओर है। इसी क्रम में वरिष्ठ नेता यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साहवर्धन की जिम्मेदारी संभाले हैं। इस लिहाज से मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ भाजपा के लिए और भी फोकस का केंद, माना जा सकता है, क्योंकि यहां न केवल लोकसभा सीट, बल्कि यहां की सभी विधानसभा सीटें भी इस समय कांग्रेस के ही खाते में हैं।
छिंदवाड़ा पर कांग्रेस की खास पकड़
छिंदवाड़ा जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से छिंदवाड़ से कमलनाथ स्वयं विधायक हैं। यहां की जुन्नारदेव, अमरवाड़, चौरई, सौंसर, परासिया और पांर्ढुना भी वर्तमान में कांग्रेस के ही कब्जे में है। आदिवासीबहुल इस क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वहीं छिंदवाड़ संसदीय सीट से कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं।
कितनी बार छिंदवाड़ से कमलनाथ रहे चुके है विधायक
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं। वे यहां से पहली बार 1980 में सांसद चुने गए थे। वे वर्तमान में यहां से विधायक और उनके पुत्र नकुल नाथ सांसद है। छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश की एकमात्र वह सीट है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी। श्री कमलनाथ एकमात्र 1997 के उपचुनाव में यहां से हारे हैं। उस समय उन्हें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने चुनाव में शिकस्त दी थी।