मिजोरम के दक्षिण हिस्से के हनहथियाल जिले में सोमवार को हुए हादसे में मारे गए लोगों के 10 शव अब तक बरामद हो चुके हैं। जिस वक़्त खदान का हिस्सा ढह गया उस दौरान वहां काम कर रहे 12 मजदूर दब गए, जिसमें से बुधवार को 10 के शव निकाले जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मृतकों में पश्चिम बंगाल के पांच, झारखंड और असम के दो-दो तथा मिजोरम के लुंगलेई जिले का एक श्रमिक शामिल है। हनथियाल कस्बे से करीब 23 किलोमीटर दूर मौदढ़ गांव में सोमवार को पत्थर की खदान धंसने से वहां काम कर रहे कुल 12 लोग लापता हो गए थे।
हनहथियाल के जिला उपायुक्त आर लालरेमसंगा ने कहा, “मंगलवार रात सघन तलाशी अभियान के बाद मलबे से दो और शव बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही पत्थर की खदान के मलबे में दबे कुल 12 लोगों में से 10 का पता लगा लिया गया है।”
उन्होंने बताया कि दो श्रमिक अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। ये श्रमिक मिजोरम और असम के रहने वाले हैं। हनहथियाल के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने कहा कि पत्थर की खदान में जब भूस्खलन हुआ, तब वहां कुल 13 श्रमिक काम कर रहे थे। हालांकि, इनमें से एक बाहर निकलने में सफल हो गया, जबकि 12 अन्य मलबे में फंस गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि श्रमिकों ने बहुत गहरी खुदाई कर दी थी, जिससे पत्थर की खदान ढह गई। लालरेमसंगा ने बताया कि हादसे में खुदाई करने वाली पांच मशीनें, एक स्टोन क्रशर और एक ड्रिलिंग मशीन भी पूरी तरह से मलबे में दब गए।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र लगभग 5,000 वर्ग मीटर है। पत्थर की इस खदान का स्वामित्व एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास है। हादसे में लापता 12 लोगों में से चार एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी थे, जबकि आठ अन्य एक ठेकेदार के साथ काम करते थे।
PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम में पत्थर खदान गिरने से हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। वहीं घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएं।