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नयी टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर जन वितरण प्रणाली में और भी ज्यादा पारदर्शिता लायी जाये : मुख्यमंत्री

जनाब अता करीम, सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, श्रीमती रंजना रानी, श्रीमती अनिता राम सहित खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी एवं लाभार्थी उपस्थि थे।

पटना  : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत नये राशन कार्ड एवं लक्षित जन वितरण प्रणाली के अन्तर्गत नई अनुज्ञप्ति के वितरण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया तथा 34 जिला आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन केन्द्रों के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया।  आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देता हूॅ कि इन्होंने जन वितरण प्रणाली की स्थिति में सुधार लाने की कोशिश की है। विभाग लोगों की अपेक्षा के अनुरूप गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहा है ताकि उन्हें समय पर अनाज मिल सके, लेकिन अभी भी अनेक प्रकार की समस्यायें हैं। हमलोगों ने पी.डी.एस. को दुरुस्त करने के लिए कूपन प्रणाली शुरु की। सभी लोगों को कूपन दिये जाने की व्यवस्था की गयी। इसकी वजह से इसमें काफी पारदर्शिता आयी है और इसका जब सर्वेक्षण हुआ था तो देश में बिहार के जन वितरण प्रणाली का स्थान तीसरे नंबर पर था।

उस समय फूड सिक्युरिटी एक्ट यानि खाद्य सुरक्षा कानून नहीं बना था। जब खाद्य सुरक्षा कानून बना तो उसमें कई प्रकार की कमियां थीं। बिल के आने के बाद संसद की स्टैंडिंग कमिटी के सामने भी हमारे अधिकारियों ने कई सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो खाद्य सुरक्षा कानून बना तो शायद बिहार ही पहला राज्य बना, जहॉ फरवरी 2.14 में इसे स्वीकार किया गया और इसको लागू किया गया। कानून में प्रावधान के मुताबिक हमने कहा था कि पूरा सर्वेक्षण कर लेना चाहिए और अपने सर्वेक्षण के मुताबिक 85 प्रतिशत ग्रामीण अंचल में और 74 प्रतिशत के करीब शहरी क्षेत्रों में राशन कार्ड मिलना है। दूसरा हमने जब यह कोशिश की तो हमारे सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अलग से सर्वेक्षण की बजाए जो एस.ई.सी.सी. का आंकड़ा है, उसी को स्वीकार कर लेना चाहिए। वर्ष 2013 में बात चल रही थी कि हम अलग से इसका सर्वेक्षण करेंगे। मेरी इच्छा थी सबसे पहला राज्य बिहार बने और जल्दी से जल्दी हम खाद्य सुरक्षा कानून को बिहार में लागू करें। हमने लक्ष्य निर्धारित कर दिया था कि फरवरी 2014 में खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया। इसके लिए हमने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश जी से बात की और आंकड़े को जुटाया उसके बाद हमलोगों ने फूड सिक्युरिटी एक्ट लागू कर दिया गया। नई चीजों को लागू करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है और अंत्तोगत्वा हमलोगों ने फरवरी में इसे लागू कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाज एस.एफ.सी. से निकलकर राशन दुकान जाने की बजाए बाजारों में पहुंच जाता था, इसको कोई देखने वाला नहीं था। आज तो टेक्नोलॉजी का जमाना है तो हमलोंगों ने भी टेक्नोलॉजी का सहारा लिया। जी.पी.एस. सिस्टम से पता चल जाता है कि अनाज किस जगह जा रहा है।

बाद में ये भी पता चला कि जी.पी.एस. लगा लेता है और बीच में बंद कर देता था। हमलोगों ने यह निर्णय लिया कि जी.पी.एस. को ऐसी जगह लगायी जाए जहां से इसको कोई बंद न कर सके। इन सब चीजों को धीरे-धीरे हमलोगों ने लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 54-55 हजार पी.डी.एस. की दुकान होनी चाहिए। जो हमलोगों ने सर्वे किया है उसके मुताबिक पी.डी.एस. दुकानों की 13,262 रिक्तियॉ हैं और इस समारोह में 3,57. पी.डी.एस. शॉपस की अनुज्ञप्ति निर्गत कर वितरित किया गया है, यह खुशी की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत लोगों का नाम राशन कार्ड में छूटा हुआ है, उस पर काफी काम होता रहा है। कुछ तो ऐसे लोगों के भी नाम मिले जिनको इसकी जरुरत नहीं है। जबकि बहुत ऐसे गरीब लोग हैं जिनेक पास राशन कार्ड होना चाहिए उनके पास नहीं है तो उन्हें मिलना चाहिए। इसके लिए लोगों से आवेदन मांगा गया तो 25 लाख लोगों ने आवेदन दिया। उसके बाद जांच पड़ताल कर 31 जुलाई, 2018 तक कुल मिलाकर 3 लाख 36 हजार 851 नए राशन कार्ड निर्गत किये गये। साथ ही 1 लाख 42 हजार 996 राशन कार्डों को कैंसिल भी किया गया। कोई न छूटे इस पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में हमलोगों ने लोक सेवा का अधिकार कानून बनाया। जिन योग्य लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, इसके अंतर्गत आवेदन देना होगा। अब कहीं दौडऩे की जरुरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून भी हमलोगों ने बना दिया है। जो लोग उसके बारे में जानते हैं फायदा उठा रहे हैं। लोक शिकायत निवारण कानून का प्रचार-प्रसार करने का हमने निर्देश दिया है। हर गांव में गाडिय़ां घूम रही हैं, छोटा फिल्म दिखाकर लोगों को बताया जा रहा है कि किस जिले में किन-किन शिकायतों का निराकरण किया गया। शिकायतों के समाधान के लिए कानून को बनाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन वितरण प्रणाली के सिस्टम में अनुमंडल पदाधिकारी की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि अनुमण्डल पदाधिकारी के ए.सी.आर. का आधार जन वितरण प्रणाली की उस अनुमण्डल की स्थिति पर बनायी जाय। इससे जन वितरण प्रणाली में काफी सुधार आयेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत निर्गत नए राशन कार्ड एवं लक्षित जन वितरण प्रणाली से संबंधित लघु चित्र का प्रदर्शन भी किया गया।

नए राशन कार्ड के निर्गमन हेतु जन वितरण अन्न सॉफ्टवेयर का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने 38 जिला आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन केंद्रों के निर्माण का रिमोट कंट्रोल के जरिए शिलान्यास किया। बिहार राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम द्वारा अनुदानित खाद्यान्नों के संग्रहण हेतु आधुनिक तरीके से तैयार किए गए गोदामों से संबंधित कॉफी टेबल बुक का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पुष्पगुच्छ, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी तथा सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण पंकज कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, निदेशक खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण दिनेश कुमार, पटना जिलाधिकारी कुमार रवि, बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष जनाब अता करीम, सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, श्रीमती रंजना रानी, श्रीमती अनिता राम सहित खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी एवं लाभार्थी उपस्थि थे।

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