मध्यप्रदेश के गुना जिले में दलित दंपत्ति के साथ पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता पर राज्य सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। इसके साथ ही इस मामले में जांच के आदेश दिए गए है।
दरअसल, गुना में मॉडल कॉलेज निर्माण के लिए करीब 20 बीघा जमीन जगनपुर क्षेत्र में आवंटित की गई थी। इस जमीन पर कई सालों से एक शख्स ने अतिक्रमण किया हुआ था, जिसे कुछ समय पहले राजस्व और पुलिस की टीम ने मिलकर हटवा दिया था। लेकिन कुछ समय बाद फिर शख्स ने उस जमीन पर खेतीबाड़ी शुरू कर दी।
जिसके बाद मंगलवार को फिरअतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस ने किसान दंपति की लाठियों से पिटाई की। दौरान वहां खेती कर रहे शख्स और उसकी पत्नी ने कीटनाशक पी लिया था। इस पूरे विवाद का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वायरल वीडियो को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौजूदा बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ? ये कैसा जंगल राज है ? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।’’
ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ?
ये कैसा जंगल राज है ?
गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।
1/3 pic.twitter.com/lRgOFaWHPp— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहाँ का न्याय है?
क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूख़दारों द्वारा कब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार दिखायेगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।’’