मुंबई की सत्र अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं स्थानीय विधायक तमिल सेल्वम के भाई मुरुगन सेल्वन पुलिस के साथ हाथापाई के आरोप से मुक्त कर दिया है। श्री सेल्वन पर 2017 में निकाय चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) कार्यकर्ताओं से झड़प के दौरान पुलिस के साथ हाथापाई करने तथा ड्यूटी में बाधा डालने आरोप था।
श्री मुरुगन वार्ड नंबर 176 (धरावी तहसील कैंप) से भाजपा उम्मीदवार थे। यह घटना 15 फरवरी 2017 में सरदार नगर में घटित हुई थी। अभियोग पक्ष के मुताबिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए एमएनएस के कार्यालय में धुसने की कोशिश की।
पुलिसकर्मियों ने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया
पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, तो उन्हें पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई की। इस दौरान एक पुलिसकर्मी गिर गया और दूसरा पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इसके श्री मुरुगन तथा अन्य नेता पुलिस वैन के सामने लेट गए और पुलिस की कार्रवाई में बाधा डाली। इसको लेकर पुलिस ने श्री मुरुगन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 ( हमला करना या सरकारी कर्मचारी की सेवा में बाधा डालना) और 332 (जानबुझ कर सरकारी कर्मचारी को अपमानित करना) तथा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विश्वनीय गवाह या ऐसा साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिसके आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया जाए। इसके लिए श्री मुरुगन को बरी किया जाता है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस बात के भी प्रमाण नहीं मिला है कि श्री मुरुगन ने पुलिसकर्मियों को आहत की हो। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.एन। रोकडे ने कहा कि इस बाद के भी सबूत नहीं है कि आरोप गैर कानूनी तरीके से आयोजित सभा को हिस्सा रहा हो।