मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार एन बीरेन सिंह, 'केन्द्र पर कही ये बड़ी बात' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार एन बीरेन सिंह, ‘केन्द्र पर कही ये बड़ी बात’

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पेश करने के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए केंद्र से मंजूरी की जरूरत है

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पेश करने के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए केंद्र से मंजूरी की जरूरत है। सीएम इंफाल में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि एनआरसी को अकेले राज्य सरकार पेश नहीं कर सकती है, इसके लिए केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता है। मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग (MSPC) के बारे में बात करते हुए सीएम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग (एमएसपीसी) का गठन कर चुकी है और यह 1961 के कट-ऑफ वर्ष के आधार पर राज्य में अप्रवासियों की पहचान करेगी। 
NRC को लेकर बीरेन सिंह ने कही ये बड़ी बात  
NRC पर बीरेन सिंह का बड़ा ऐलान, मणिपुर में घर-घर जाकर की जाएगी अवैध  अप्रवासियों की पहचान - Manipur CM Biren Singh Says Survey Soon To  Identifying Illegal Immigrants | Dailynews
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पेश करने के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए केंद्र से मंजूरी की जरूरत है। सीएम इंफाल में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि एनआरसी को अकेले राज्य सरकार पेश नहीं कर सकती है, इसके लिए केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता है। मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग (MSPC) के बारे में बात करते हुए सीएम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग (एमएसपीसी) का गठन कर चुकी है और यह 1961 के कट-ऑफ वर्ष के आधार पर राज्य में अप्रवासियों की पहचान करेगी।  
अप्रवासियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने की भी मांग 
आंदोलनकारियों के अनुसार, म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश के लोगों सहित देश के अंदर और बाहर के बाहरी लोगों की आमद ने मणिपुर की पहचान, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, प्रशासन और पर्यावरण को काफी प्रभावित किया है। आंदोलनकारी संगठनों ने मणिपुर से अवैध अप्रवासियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने की भी मांग की। 
मणिपुर में जनसंख्या आयोग स्थापित  
सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं मेधा पाटकर, प्रवासी मजदूरों का उठाया मुद्दा -  lockdown coronavirus medha patkar filed litigation in sc over migrant  workers condition - AajTak
छात्र संगठनों के एक प्रवक्ता ने कहा, हम किसी समुदाय या धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम अपनी भूमि, पर्यावरण और स्वदेशी समुदायों को अवैध बंदोबस्त के प्रतिकूल प्रभावों से बचाना चाहते हैं। मणिपुर विधानसभा ने पिछले साल मणिपुर में जनसंख्या आयोग स्थापित किया था। इसके लिए निजी सदस्य प्रस्ताव को अपनाने के बाद, राज्य मंत्रिमंडल ने पहले एमएसपीसी की स्थापना को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग के कामकाज के लिए जरूरी आधिकारिक प्रक्रिया अभी शुरू होनी बाकी है।  
म्यांमार शरणार्थियों की पहचान करने का फैसला 
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इस बीच, मणिपुर सरकार ने उन म्यांमार शरणार्थियों की पहचान करने का फैसला किया है- जिन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में शरण मांगी है और उन्हें नामित केंद्रों में रखा है। फरवरी 2021 में पड़ोसी देश में सेना के सत्ता में आने के बाद से अब तक महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 5,000 अप्रवासी संघर्षग्रस्त म्यांमार से भाग चुके हैं।
स्वदेशी लोगों के हितों की रक्षा के लिए आईएलपी की शुरूवात  
केंद्र सरकार ने 11 दिसंबर, 2019 को राज्य में बाहरी लोगों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने और स्वदेशी लोगों के हितों की रक्षा के लिए आईएलपी (इनर लाइन परमिट) प्रणाली की शुरूआत की। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत आईएलपी आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है जो भारतीय नागरिक को उन राज्यों का दौरा करने की अनुमति देता है जहां सीमित अवधि के लिए और विशिष्ट उद्देश्य के लिए आईएलपी लागू है।इस बीच, मणिपुर सरकार ने उन म्यांमार शरणार्थियों की पहचान करने का फैसला किया है- जिन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में शरण मांगी है और उन्हें नामित केंद्रों में रखा है। फरवरी 2021 में पड़ोसी देश में सेना के सत्ता में आने के बाद से अब तक महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 5,000 अप्रवासी संघर्षग्रस्त म्यांमार से भाग चुके हैं।
 
 

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