बॉलीवुड स्टार नसीरुद्दीन शाह ने ‘लव जिहाद’ पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह टर्म इसलिए उछाली गई है ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी बनी रहे। इसके साथ ही अभिनेता ने अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात करते हुए कहा कि रत्ना पाठक से शादी से पहले मेरी मां ने पूछा था कि क्या शादी के बाद वह धर्म परिवर्तन कर लेगी। उन्होंने कहा कि मैंने मां के इस सवाल का जवाब ‘ना’ में दिया था। अभिनेता ने कहा कि मेरा मानना है कि एक हिंदू महिला से मेरी शादी समाज में उदाहरण होगी।
उन्होंने कहा, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में पढ़ाया है। लेकिन हमने उनसे कभी यह नहीं कहा कि वह किसी एक धर्म को अपनाए। हमारा देश विविधताओं का देश है यहां हर धरम को बराबरी का सम्मान दिया जाता है, हिंदू- मुस्लिम के बीच का ये मतभेद भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे।’ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसी बातें राजनीति की देन हैं। ‘मेरी मां अशिक्षित थीं। उन्होंने मुझे परंपरागत माहौल में ही बड़ा किया। दिन में 5 बार नमाज होती थी। हर बार पूरे रोजे रखे जाते थे और हज की यात्राएं होती थीं।’ लेकिन शादी के बाद उन्होंने मुझसे कहा था, ‘तुम्हें बचपन में जो चीजें सिखाई गई थीं, वह आखिर बदल कैसे सकती हैं? किसी का धर्म परिवर्तन कराना सही नहीं है।’
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘मैं इस बात से बेहद परेशान हूं जिस तरह से समाज में खाई पैदा की जा रही है। जैसे उत्तर प्रदेश में लव जिहाद का तमाशा चल रहा है। इस शब्द को उछालने वाले लोग जिहाद शब्द का अर्थ तक नहीं जानते।’ मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘मैं नहीं मानता कि कोई इतना बेवकूफ होगा कि वह इस बात पर यकीन करे कि भारत में मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी। इसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।’ बता दें कि बीते साल 2020 के नवंबर में ही उत्तर प्रदेश में लव जिहाद को लेकर एक कानून को मंजूरी दी गई है।
लव जिहाद के इस कानून में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़े प्रावधान तय किए गए हैं। इसके बाद हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी लव जिहाद कानून की ओर कदम बढ़ाए हैं। अभिनेता ने कहा कि ‘लव जिहाद’ टर्म इसलिए उछाली जा रही है ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच खाई बनी रहे और अंतरधार्मिक विवाह न हो पाएं।