मध्य प्रदेश से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी महिला विरोधी बयान देकर विवादों में आ गए। इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पत्र लिखकर पटवारी से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है।
दरअसल, जीतू पटवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधने के लिए ट्वीट किया था, ”पुत्र के चक्कर में पांच पुत्री पैदा हो गईं – नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई, बेरोजगारी और मंदी, परंतु अभी तक ‘विकास’ पैदा नहीं हुआ।” एनसीपीसीआर ने कहा कि इस ट्वीट ने बेटी के बजाय बेटे को प्राथमिकता देने की सदियों पुरानी गलत सोच का न केवल समर्थन किया, बल्कि इसने बच्चियों के प्रति उनकी मानसिकता और रवैये को भी दर्शाया। इसी सोच के कारण देश में कन्या भ्रूण हत्या की दर बढ़ गई है।
एनसीपीसीआर ने पत्र में कहा कि एक नेता का किसी पर राजनीतिक निशाना साधने के लिए नैतिकता का उल्लंघन करना और इससे समाज को होने वाले नुकसान को नजरअंदाज करना अनुचित है। पत्र में कहा गया है, ‘‘अपने ट्वीट से इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी करने का धृष्ट कृत्य बेटियों के अस्तित्व का ही अनादर नहीं करता, अपितु यह हमें दशकों पीछे ले जाता है और लैंगिक समानता एवं बच्चियों के अधिकारों के लिए किए गए अनगिनत संघर्षों एवं बलिदानों पर पानी फेरने का काम करता है।’’
आयोग ने कहा, ‘‘आयोग आपसे अनुरोध करता है कि आप 24 जून को की गई इस प्रकार की टिप्पणी के लिए कृपया माफी मांगें और आयोग को इस संबंध में तीन दिन में जवाब भेजें।’’ एनसीडब्ल्यू ने भी इस टिप्पणी का स्वत: संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पटवारी को पत्र लिखकर उनसे इस आपत्तिजनक ट्वीट पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देने को कहा है।
एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, ‘‘आयोग समाज को गलत संदेश देने वाली एवं बेटियों पर की गई इन नारी विरोधी टिप्पणियों की निंदा करता है। बच्चियों के खिलाफ इस प्रकार की अपमानजनक एवं महिला विरोधी टिप्पणियां एक नेता को शोभा नहीं देतीं।’’