केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे सफल लड़ाई लड़ी है और टीकाकरण अभियान की शुरुआत के साथ ही देश में इस महामारी के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है।
शाह ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ लगभग एक साल से लड़ रही है, कई लोग जान गंवा चुके हैं। यह शायद सबसे मुश्किल लड़ाई थी, जिसमें मानवता ने ज्ञान, नवाचारों और पारस्परिक सहयोग के जरिये इस लड़ाई को लड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों के दौरान, कुछ विशेषज्ञों ने भारत सहित कुछ देशों के बारे में चिंता व्यक्त की थी कि वे किस तरह एक बड़ी आबादी को सभालेंगे और स्वास्थ्य से संबंधित बुनियादी ढांचा कैसे तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में संक्रमण की जांच के लिए केवल एक प्रयोगशाला थी। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे पास 2,000 से अधिक प्रयोगशालाएं हैं।’’
शाह ने दावा किया कि भारत में इस महामारी से मृत्युदर कम और ठीक होने की दर अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘आज देश में निर्मित दो टीकों के साथ, हम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को अंतिम चरण में ले गये है।’’ उन्होंने अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीका लगाये जाने संबंधी फैसले का बचाव किया और इसके बारे में भ्रामक सूचना फैलाने वाले लोगों पर निशाना साधा।
इससे पूर्व शाह ने शिमोगा जिले में भद्रावती के निकट आरएएफ की बटालियन के नये परिसर की आधारशिला रखीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अन्य मौजूद थे। कर्नाटक सरकार ने आरएएफ की 97वीं बटालियन के मुख्यालय के लिए 50.29 एकड़ भूमि प्रदान की है। परिसर में एक अस्पताल, एक केंद्रीय विद्यालय, सैनिकों के लिए आवासीय सुविधा, प्रशासनिक भवन, परिवार कल्याण केंद्र, एक स्टेडियम और स्विमिंग पूल सहित खेल सुविधाएं होंगी।
शाह ने यह पहल करने और आरएएफ की एक नई बटालियन के परिसर के वास्ते जमीन देने के लिए येदियुरप्पा को धन्यवाद दिया। इस परिसर की लागत 230 करोड़ रुपये आयेगी। उन्होंने भद्रावती के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्रीय विद्यालय और स्टेडियमों को इस तरह से बनाया जाएगा कि स्थानीय लोग भी इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें।