शिवसेना ने बुधवार को वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी द्वारा दिए गए उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी व शिवसेना जल्द दोबारा एकसाथ आ सकते हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी ने मंगलवार को संभावना जताई थी कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) निकट भविष्य में फिर से एकसाथ आ सकते हैं।
शिवसेना ने वरिष्ठ नेता जोशी के बयान को उनका निजी विचार बताया है। वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे ने एक बयान में कहा कि जोशी की टिप्पणियों का कोई आधार नहीं है। गोरे ने कहा, ‘यह पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है, यह केवल उनका निजी विचार हो सकता है।’
शिवसेना और बीजेपी के निकट भविष्य में फिर से एकसाथ आने की बात कहने के अलावा जोशी ने कहा था कि पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में उचित समय पर निर्णय लेंगे। जोशी ने कहा था, ‘छोटे मुद्दों पर लड़ने की जगह बेहतर है कि कुछ बातों को बर्दाश्त किया जाए। जिन मुद्दों को आप दृढ़ता के साथ महसूस करते हैं, उसे साझा करना अच्छा है। अगर दोनों दल साथ में काम करते हैं तो यह दोनों के लिए बेहतर होगा।’
शिवसेना के वरिष्ठ नेता जोशी की टिप्पणी के बाद राज्य में उनके सहयोगी दल कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मन में भी संदेह पैदा हो गया। गोरे ने यह स्पष्ट किया कि बीजेपी की अपने सहयोगियों को खत्म करने की रणनीति शिवसेना को स्वीकार्य नहीं है और वरिष्ठ नेताओं की उनकी पीढ़ी की भावनाएं समझ में आती है।