अगरतला : भारत में अवैध रूप से घुसने के आरोप में नौ बांग्लादेशी हिंदुओं को पश्चिम त्रिपुरा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित एक गांव से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। सिधई पुलिस थाना अंतर्गत मताई गांव में ये नौ लोग सोमवार रात को संदिग्ध रूप से घूमते पाए गए थे। नौ लोगों के समूह में दो साल से लेकर 75 साल की उम्र के व्यक्ति थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
सिधई पुलिस थाना के प्रभारी अधिकारी बिजॉय सेन ने बताया, ‘‘समूह में तीन पुरूष, तीन महिलाएं और इतने ही बच्चे थे। उन्होंने कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखाया। स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।’’ ये बांग्लादेशी चटगांव और सिलहट जिलों से होते हुए भारतीय सीमा में घुसे थे। स्थानीय विधायक एवं इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के नेता वृषकेतु देववर्मा ने कहा कि उन्होंने उन बांग्लादेशियों से मुलाकात की जिन्होंने बताया कि वे स्थायी रूप से भारत में रहना चाहते हैं। आईपीएफटी राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है।
देववर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम लोग किसी समुदाय, जाति या धर्म के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हम लोग नये संविधान संशोधन के खिलाफ हैं। बांग्लादेशियों को हमारे देश में रहने का आधिकारिक हक नहीं मिलना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी त्रिपुरा में घुस जाते हैं और अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए किसी तरह आधिकारिक दस्तावेज भी हासिल कर लेते हैं।