नई दिल्ली : बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ हुए अत्याचार के मामले के बाद लगता है Nitish Sarkar गड़बड़ी करने वाले एनजीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मूड है। सरकार ने राज्य में विभिन्न शहरों में शेल्टर होम चला रहे 50 एनजीओ का चयन रद्द कर दिया है। समाज कल्याण विभाग ने इन एनजीओ के खिलाफ ये कार्रवाई काम में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद की है। आपको बता दें कि समाज कल्याण से जुड़े विभिन्न सुधार गृहों का संचालन इन एनजीओ के माध्यम से होता था। सरकार को लगातार इन एनजीओ के संचालन में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी।
बताया जा रहा है कि समाज कल्याण विभाग अगले तीन महीने में सभी शेल्टर होम का संचालन अपने हाथ में ले लेगी। तब तक इन शेल्टर होम का संचालन पुराने एनजीओ के माध्यम से जारी रहेगा। जानकारी के मुताबिक सरकार ने यह फैसला मुजफ्फरपुर बालिका गृह और पटना के आसरा गृह कांड के बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक शेल्टर होम की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने और आधारभूत संरचना तैयार करने का प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जायेगा। मंजूरी के बाद सभी जिलों में इन गृहों के लिए किराये पर नये मकान लिए जायेंगे। सभी शेल्टर होम के संचालन और नयी भर्तियों पर करीब 50 करोड़ अतिरिक्त सालाना खर्च होंगे। अब तक शेल्टर गृहों के संचालन पर सरकार लगभग 48 करोड़ खर्च कर रही है। इस तरह विभाग अब इन संस्थाओं पर करीब दोगुनी राशि खर्च करेगा।