ओडिशा में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टर्स या स्वास्थ्यकर्मियों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, अगर महामारी से जंग लड़ने के दौरान किसी कोरोना वॉरियर्स की मौत होती है तो उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कोरोना महामारी से निपटते हुए जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार को 50 लाख रुपए की मदद देगी। इसके साथ ही उनके अद्वितीय बलिदान को मान्यता देते हुए पुरस्कारों की एक विस्तृत योजना को स्थापित किया जाएगा। ये पुरस्कार राष्ट्रीय दिनों में दिए जाएंगे।
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वहीं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर उन्होंने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ किया गया कोई भी कृत्य राज्य के खिलाफ माना जाएगा। यदि कोई भी स्वास्थ्यकर्मियों के काम में रूकावट पैदा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के प्रावधान शामिल हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 79 हो गई है। उन्होंने बताया कि सभी मामले पश्चिम बंगाल की सीमा से लगने वाले बालासोर जिले से सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नये मरीजों के ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं।
अधिकारी ने कहा, “सभी नये मामलों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है और आगे के कदम भी उठाए जा रहे हैं।” बालासोर जिले में सोमवार को भी कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे जिसमें दो साल का एक बच्चा भी शामिल है। राज्य में 53 लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 25 लोग स्वस्थ हो गए हैं।
भुवनेश्वर में 72 वर्षीय एक बुजुर्ग की कोरोना वायरस के चलते मौत हो गई। राज्य में सामने आए 79 मामलों में से 46 खुर्दा जिले से सामने आए हैं, बालासोर और भद्रक से आठ, जाजपुर से सात, सुंदरगढ़ से तीन, केंद्रपाड़ा और कालाहांडी से दो-दो तथा कटक, ढेंकनाल और पुरी जिलों से एक-एक मामला है। अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस के लिए 11,748 आरटी पीसीआर जांच और 4,861 त्वरित एंटीबॉडी जांच हुई है।