देशभर में चोरी की 500 से ज्यादा वारदातों को अंजाम देने वाले 39 साल के शातिर अपराधी को पुलिस ने ओडिशा के कटक से धरदबोचा है। आरोपी हेमन दाश ने कॉलेज के समय से ही चोरी करना शुरू कर दिया था। वह लोहे की छड़ से चोरी करने के लिए काफी मशहूर था।
कॉलेज से शुरू किया चोरी करना
दाश ने 1982 में चोरी करना शुरू की। उस समय वह कॉलेज में था। उस दौरान छात्रों के दो समूहों के बीच संघर्ष की वजह से उसे कुछ वक्त के लिए जेल में रहना पड़ा जहां उसकी उसके ‘गुरु’ से मुलाकात हुई और फिर उसने चोरियां करना शुरू किया। 1982 में ही जेल से छूटने के बाद उसने अपने ‘गुरु’ के साथ चोरियां करना शुरू किया था, लेकिन पिछले 34 साल से वह अकेला ही चोरियां करता था। दाश ने चोरी के सामान से करीब पांच करोड़ रुपए हासिल किए और इस पैसे को शराब और वेश्याओं पर खर्च कर दिया।
दाश अकेले ही काम करता था और कोलकाता से महिलाओं को लेकर दूसरे शहरों में जाता था। वह अक्सर मुंबई, चेन्नई और अन्य शहर जाता था और मंहगे होटलों में कमरे बुक करता था। आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद एक प्रेस वार्ता में बताया कि उसका मुख्य लक्ष्य हमेशा नकद होता था न कि सोना क्योंकि उसे डर था कि कीमती सामान चोरी करने से उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त यूएस दाश ने कहा कि भुवनेश्वर में चोरी के तीन मामलों में संदिग्ध पाए जाने के बाद हम हेमन दाश पर नजर रख रहे थे। इनमें से दो घटनाओं में वह सीसीटीवी में कैद हो गया था। पुलिस ने कहा कि उसके खिलाफ सिर्फ भुवनेश्वर में 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि उसे 2018 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और रिहा होने के बाद वह घर नहीं गया जबकि उसका परिवार है। पुलिस ने कहा कि हेमन दाश को पिछले साल फिर पकड़ा गया था और पुरी जेल भेज दिया गया था। उसे जुलाई में जेल से रिहा किया गया था, और उसके बाद भुवनेश्वर के विभिन्न क्षेत्रों से चोरी के तीन मामले सामने आए थे।आरोपी ने कहा, “मैं 59 वर्ष का हूं और अब मैं ऐसी सभी गतिविधियों से रिटायर हो गया हूं। मैं अपने सभी भाइयों से चोरी छोड़ने की अपील करता हूं। मैंने बहुत कमाया लेकिन अब कंगाल हूं।”