ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद लाशों के ढेर लग गए, करीब 275 से ज्यादा लोगों ने इस भयानक हादसे में अपनी जान गंवाई। हादसा इतना बड़ा था कि बालासोर में लाशें रखने के लिए मुर्दाघर कम पड़ गए, जिसके चलते अलग-अलग जगहों पर शवों को रखना पड़ा । ऐसे ही एक 65 साल पुराने स्कूल में भी कफन से लिपटे शव रखे गए। हादसे के कुछ दिनों बाद तक ये शव स्कूल की बिल्डिंग में रखे गए थे। अब खबर सामने आई है कि इस स्कूल के कुछ छात्रों ने सरकार से नई बिल्डिंग बनाने की अपील की है और वो तब तक स्कूल आने के लिए तैयार नहीं हैं। स्कूल में शव रखे जाने से ये छात्र खौफ में हैं।
राज्य सरकार से इमारत को गिराने की गुहार लगाई गई
दरअसल ओडिशा के में बहनागा उच्च विद्यालय के छात्र अपनी क्लास में वापस आने से डर रहे हैं। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) ने राज्य सरकार से इमारत को गिराने की गुहार लगाई है क्योंकि यह बहुत पुरानी है। बहनागा उच्च विद्यालय की प्रिंसिपल प्रमिला स्वैन ने बताया, “छात्र डरे हुए हैं। ’’ उन्होंने कहा कि स्कूल ने “धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने और कुछ अनुष्ठान करने की योजना बनाई है। ”
डरे हुए छात्रों की वजह से तोड़ी जा सकती है बिल्डिंग!
जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूल के कुछ वरिष्ठ छात्र और एनसीसी कैडेट भी बचाव कार्य में शामिल हुए थे। स्कूल और जन शिक्षा विभाग के निर्देश पर गुरुवार 8 जून को स्कूल का दौरा करने वाले बालासोर के जिलाधिकारी दत्तात्रय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा, “मैंने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों, प्रधानाध्यापिका, अन्य कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की है। वे पुरानी इमारत को तोड़कर उसका जीर्णोद्धार करना चाहते हैं ताकि बच्चों को क्लास में जाने में कोई डर या आशंका न हो। ’
स्कूल जाने से कतरा रहे छात्र
एसएमसी के एक सदस्य ने जिलाधिकारी को बताया कि स्कूल की इमारत में पड़े शवों को टेलीविजन चैनलों पर देखने के बाद, ‘बच्चे प्रभावित हुए हैं और 16 जून को फिर से स्कूल खुलने पर वे आने से कतरा रहे हैं। ’ हालांकि शवों को भुवनेश्वर ले जाया गया है और स्कूल परिसर को साफ कर दिया गया है, लेकिन छात्र और अभिभावक डरे हुए हैं। एक छात्र ने कहा, ‘‘यह भूलना मुश्किल है कि हमारे स्कूल की इमारत में इतने सारे शव रखे गए थे।’ एसएमसी ने शुरू में शव रखने के लिए केवल तीन कक्षाओं की अनुमति दी थी। बाद में जिला प्रशासन ने पहचान के लिए शवों को रखने के लिए स्कूल के हॉल का इस्तेमाल किया था।