केरल में छह अप्रैल से शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सब्सिडी वाले चावल के वितरण के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस-यूडीएफ, निर्वाचन आयोग को गुमराह कर रहे हैं।
विपक्ष की शिकायत के बाद आयोग द्वारा वितरण बंद करने का आदेश देने के एक दिन बाद विजयन ने कहा कि लोगों तक राशन के चावल और भोजन के किट की आपूर्ति रोकने का प्रयास कर विपक्ष “गंदी राजनीति” कर रहा है। उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार केरल को भूख से मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां सभी नागरिकों को आश्रय का अधिकार दिया जाएगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला की आलोचना करते हुए विजयन ने कहा कि चावल और भोजन के किट का वितरण कोई नई बात नहीं है और यह कोविड-19 से प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जा रहा था। चेन्निथला ने सब्सिडी वाले चावल के वितरण को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की थी।
विपक्ष का कहना था कि ‘विशु भोजन किट’ और पेंशन चुनाव के बाद ही दिए जाने चाहिए क्योंकि अभी आचार संहिता लागू है। भाजपा ने भी सरकार पर अपने हित के लिए भोजन का वितरण करने का आरोप लगाया। इस बीच, एआईसीसी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि यूडीएफ ने यह कभी नहीं कहा कि चुनाव के मद्देनजर मुफ्त भोजन किट का वितरण नहीं करना चाहिए। वेणुगोपाल ने कहा कि वितरण देर से करने के लिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।