देहरादून : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) की प्रबंध निदेशक से कर्मचारी उत्पीड़न के संबंध में जवाब-तलब करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने जीएमवीएन कर्मियों से जुड़े पांच बिंदुओं पर जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट उन्हें सौंपने को कहा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक ज्योति यादव ने बीते वर्ष, यानी जून 2018 में कर्मचारियों की कार्यशैली से खफा होकर सख्ती दिखाते हुए कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी थी।
इसके बाद कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में कर्मचारियों के निलंबन, तबादलों और जवाब-तलब का दौर चला। इससे निगम कर्मियों में खासा आक्रोश भी देखा गया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इसका संज्ञान लेते हुए सचिव पर्यटन को कार्मिकों के मामलों के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। पर्यटन मंत्री ने सचिव पर्यटन को दिए आदेश में कहा है कि उनके संज्ञान में आया है कि जीएमवीएन की प्रबंध निदेशक की कार्यप्रणाली के कारण कार्मिकों में दिन ब दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
यही स्थिति रही तो यह आक्रोश उग्र रूप ले सकता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव सरकार की छवि पर पड़ेगा। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने पर्यटन मंत्री का पत्र मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्री ने कुछ बिंदुओं पर उनसे रिपोर्ट देने को कहा है। सचिव पर्यटन को पांच बिंदुओं पर
जांच के दिए आदेश : पर्यटन मंत्री ने सचिव पर्यटन को पांच बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिए हैं। इनमें जीएमवीएन के 23 कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने के कारणों एवं औचित्य का विवरण उपलब्ध कराने, निगम के जनसंपर्क अधिकारी को पुणे स्थानांतरित करने का औचित्य बताने, अल्प दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को जानकीचट्टी से कोलकाता भेजे का औचित्य साबित करने एवं इसका उद्देश्य बताने तथा जानकीचट्टी से ही तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को हैदराबाद स्थानांतरित करने और सेवा से हटाने के बारे में जानकारी मांगी है।