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उत्तराखंड में जल्द ही नौ अन्य जगह ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे

उत्तराखंड में ऑक्सीजन खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता है और जल्द ही नौ अन्य जगह भी ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे। फिलहाल राज्य में करीब 100 मीट्रिक टन के ऑक्सीजन की खपत है और ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या बढ़ने पर इसकी और खपत बढ़ेगी।

उत्तराखंड में ऑक्सीजन खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता है और जल्द ही नौ अन्य जगह भी ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने यह जानकारी दी। नेगी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि फिलहाल राज्य में करीब 100 मीट्रिक टन के ऑक्सीजन की खपत है और ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या बढ़ने पर इसकी और खपत बढ़ेगी जिसे पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त क्षमता है ।
उन्होंने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था जबकि फिलहाल कुल छह जगह ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं जिनमें 2,330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता हासिल कर ली है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में नौ अन्य स्थानों पर जल्द ही ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जाएंगे, जिनमें मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ा, जिला अस्पताल चंपावत, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले साल एक अप्रैल तक 216 आईसीयू बिस्तर थे जो इस साल एक अप्रैल को 836 से बढ़कर फिलहाल 1336 हो गए हैं। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल को वेंटिलेटर की संख्या 116 थी जो फिलहाल 842 पहुंच गई है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल को ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या 673 थी जो बढ़कर 6,002 हो गई है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल तक ऑक्सीजन की खपत आठ मीट्रिक टन थी जो इस साल एक अप्रैल को 15-20 मीट्रिक टन तक बढ़ गई और फिलहाल 100 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत है। नेगी ने बताया कि प्रदेश में पिछले साल एक अप्रैल को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 1193 थी जो बढ़कर 9917 पहुंच गई। उन्होंने बताया कि पिछले साल एक अप्रैल को 275 ऑक्सीजन सांद्रक थे जो फिलहाल 3,275 हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 13200 रेमेडीसिविर इंजेक्शन लाए जा चुके हैं और सरकार कोविड से निपटने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा ने बताया कि दवाओं की कालाबाजारी रोकने को लेकर पुलिस ने 112 टोल फ्री नंबर पर शिकायत की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बीते दो दिन में 147 शिकायतें पुलिस टीम को प्राप्त हुई है जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर के लिये तय रकम से अधिक राशि वसूलने के मामले में एक मुकदमा दर्ज किया गया है।

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