मध्य प्रदेश में तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, EC ने तारीखों का किया ऐलान - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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मध्य प्रदेश में तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, EC ने तारीखों का किया ऐलान

मध्य प्रदेश में काफी उथल-पुथल के बाद आखिरकार आज, शनिवार को राज्य के निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने आज त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 202।22 के लिये निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की है।

मध्य प्रदेश में काफी उथल-पुथल के बाद आखिरकार आज, शनिवार को राज्य के निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने आज त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 202।22 के लिये निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की है। आधिकारिक जानकारी में श्री सिंह ने बताया कि निर्वाचन की घोषणा होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है, जो कि परिणाम घोषित होने तक प्रभावशील रहेगी। आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, शासकीय विभागों एवं कर्मियों तथा त्रि-स्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू होगी।  
मतदान की तीन तारीखें ये है 
यद्यपि पंचायत निर्वाचन गैर-दलीय आधार पर हो रहे है, परंतु आचार संहिता के प्रावधान राजनैतिक दलों पर सामान्य रूप से लागू होंगे। मतदान तीन चरणों में 6 जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी 2022 में होंगे। 
तृतीय चरण के लिये 30 दिसम्बर को शुरू होगा 
निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन तथा नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने का कार्य प्रथम और द्वितीय चरण के लिये 13 दिसम्बर और तृतीय चरण के लिये 30 दिसम्बर को शुरू होगा। नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने की अंतिम तारीख प्रथम और द्वितीय चरण के लिये 20 दिसम्बर और तृतीय चरण के लिये 6 जनवरी है। नाम निर्देशन-पत्रों की संवीक्षा प्रथम और द्वितीय चरण के लिये 21 दिसम्बर और तृतीय चरण के लिये 7 जनवरी को होगी। 
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख  
अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख और निर्वाचन प्रतीकों का आवंटन प्रथम और द्वितीय चरण के लिये 23 दिसम्बर और तृतीय चरण के लिये 10 जनवरी को अपराहृ 3 बजे तक है। मतदान (यदि आवश्यक हों) प्रथम चरण के लिये 6 जनवरी, द्वितीय चरण के लिये 28 जनवरी और तृतीय चरण के लिये 16 फरवरी 2022 को सुबह 7 बजे से अपराहृ 3 बजे तक होगा। 
मतदान केन्द्र पर पंच और सरपंच पद के लिये मतगणना मतदान समाप्ति के तुरंत बाद की जाएगी। जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य की विकासखण्ड मुख्यालय पर ईव्हीएम से मतगणना प्रथम चरण के लिये 10 जनवरी, द्वितीय चरण के लिये एक फरवरी और तृतीय चरण के लिये 20 फरवरी 2022 को सुबह 8 बजे से की जाएगी। 
पंच और सरपंच पद के निर्वाचन परिणाम की घोषणा प्रथम चरण के लिये 11 जनवरी, द्वितीय चरण के लिये 2 फरवरी और तृतीय चरण के लिये 21 फरवरी 2022 को सुबह 10:30 बजे से की जाएगी। जनपद पंचायत सदस्य के लिये निर्वाचन परिणाम की घोषणा प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण के लिये 22 फरवरी को और जिला पंचायत सदस्यों के लिये 23 फरवरी 2022 को सुबह 10:30 बजे से की जाएगी। 
भोपाल-इंदौर मेंं एक ही चरण में होंगे चुनाव  
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि भोपाल-इंदौर सहित हरदा, निवाड़ी और ग्वालियर जिलों मेंं एक ही चरण में पंचायत चुनाव होंगे तो जबलपुर, बुरहानपुर, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, श्योपुर, देवास में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। 55000 ईवीएम से मतदान होगा और सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक ही मतदान होगा। पंच और सरपंच का मतदान मतपत्रों से होंगे। 
शिवराज सरकार द्वारा पंचायतों के परिसीमन को निरस्त किए जाने पर आपत्ति की थी 
पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान पर कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है।शनिवार को सुबह ही वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित अन्य अधिवक्ताओं ने पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान शिवराज सरकार द्वारा पंचायतों के परिसीमन को निरस्त किए जाने पर आपत्ति की थी। 
अदालत ने इसमें दो सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच शाम को राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की तारीखों के ऐलान पर कांग्रेस – भाजपा आमने सामने आ गए हैं। प्रदेश भाजपा के मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते और राज्य निर्वाचन आयोग संवैधानिक संस्था व स्वतंत्र है। 
कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर लगाया आरोप  
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया है कि सरकार को हर पांच साल में पंचायतों के परिसीमन के बाद चुनाव कराए जाने चाहिए। यह कानूनी प्रावधान है लेकिन सरकार बिना परिसीमन किए चुनाव करा रही है। 
इसको लेकर हाईकोर्ट में भी सुबह ही सुनवाई हुई थी तो सरकार को इतनी जल्दी क्या थी। भाजपा राजनीति कर रही है और वह दिखाना चाहती है कि वह तो पंचायत चुनाव कराना चाहती है। मगर अदालत में सरकार जवाब नहीं दे पाएगी तो चुनाव नहीं हो पाएंगे।

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