पश्चिम बंगाल में सियासत का कभी मंद नहीं पड़ेगा, प्रदेश की सत्ता में काबिज तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अकसर एक-दूसरे पर राजनीतिक छींटाकशी करते है। ऐसे में भाजपा के कुछ नेताओं ने बंगाल को विभाजित करने के लिए आला कमान से बात की थी। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि राज्य को विभाजित करने की साजिश रचने वाली ताकतों की हार होगी।
कोलकाता में गोरखा समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग हिल्स सहित पूरा उत्तर बंगाल क्षेत्र राज्य का अभिन्न अंग है और रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर बंगाल को हमारे राज्य से अलग करने के लिए कुछ ताकतें काम कर रही हैं। उनकी पराजय होगी। पश्चिम बंगाल का विभाजन कभी नहीं होने दिया जाएगा।’’
विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास की दिशा में काम कर रही हैं। अलीपुरद्वार के सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के एक वर्ग ने हाल में उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की वकालत की थी और इस क्षेत्र में वर्षों से विकास नहीं होने का आरोप लगाया था।
भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष और अन्य नेताओं ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री बारला के बयानों से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि पार्टी पश्चिम बंगाल के विभाजन या विभाजन की किसी भी मांग का समर्थन नहीं करती है।
कोलकाता में गोरखा समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग हिल्स सहित पूरा उत्तर बंगाल क्षेत्र राज्य का अभिन्न अंग है और रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर बंगाल को हमारे राज्य से अलग करने के लिए कुछ ताकतें काम कर रही हैं। उनकी पराजय होगी। पश्चिम बंगाल का विभाजन कभी नहीं होने दिया जाएगा।’’
विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास की दिशा में काम कर रही हैं। अलीपुरद्वार के सांसद और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के एक वर्ग ने हाल में उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की वकालत की थी और इस क्षेत्र में वर्षों से विकास नहीं होने का आरोप लगाया था।
भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष और अन्य नेताओं ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री बारला के बयानों से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि पार्टी पश्चिम बंगाल के विभाजन या विभाजन की किसी भी मांग का समर्थन नहीं करती है।