जोशीमठ की भूमि पिछले कुछ दिनों से लगातार धंसती जा रही है। अब तक दरार वाले घरों की संख्या 723 पहुंच गई है। इनमें से 86 मकानों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। इन मकानों पर चिन्हित कर लाल निशाना लगा दिया गया है। जल्द ही मकानों को ढहाने की कार्रवाई शुरु की जाएगी।
प्रशासन की ओंर प्रभावित लोगों ठहरने की व्यवस्था
जिला प्रशासन ने अब तक 462 परिवार वालों को अस्थायी रुप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया गया है। मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है। प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं और मकानों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है। वहीं 1425 लोगों की रुकने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ में लगातर घरों के ऊपर पर खतरे का डर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को 45 मकानों और चिन्हित किए गए है। इस तरह से अब तक कुल 723 भवनों को चिन्हित किए जा चुका है। इनमें से कुल 86 मकान को पूरी तरह से खतरे के तौर पर घोषित कर लाल निशान लगा दिया गया है। जल्द ही इन घरों को ढहाने की प्रकिया शुरु होगी।
मकानों को तोड़ने की सूचना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया
भूमि धंसाने की चपेट में आने से जोशीमठ में प्रशासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी। प्रशासन मकानों को तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर पड़े। विरोध को देखते हुए तोड़ने की कार्रवाई बधुवार तक के लिए रोक दी गई है।