प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्य में आए चक्रवाती तूफान तौकते से बुरी तरह प्रभावित होने के बाद गुजरात को तत्काल 1000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। भीषण चक्रवाती तूफान से हुई तबाही के बाद बुरी तरह से प्रभावित तीन जिलों भावनगर, अमरेली, गिर-सोमनाथ और केंद्र शासित प्रदेश दीव में स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम अपने गृह राज्य में थे।
मंगलवार को तौकते से हुई भारी तबाही के बाद प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को अपने गृह राज्य पहुंचे और उन्होंने और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ भावनगर, अमरेली, गिर-सोमनाथ और केंद्र शासित प्रदेश दीव के प्रभावित जिलों का दौरा करने के लिए हवाई मार्ग का सहारा लिया।
भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर में बैठकर दो घंटे के सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे की इमारत में गुजरात के सीएम और राज्य प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। तौकते से हुई तबाही पर प्राथमिक आकलन के संबंध में पीएम को एक प्रस्तुति दी गई।
नुकसान के आकलन, बहाली और राहत कार्य के बारे में भी विवरण पर चर्चा की गई। बैठक के बाद पीएम ने वित्तीय सहायता की घोषणा की। गुजरात में तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिये। नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार राज्य का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम तैनात करेगी।
पीएम ने गुजरात के सीएम से कहा कि केंद्र ने राज्य के प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुर्ननिर्माण के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। पीएम ने रुपये की अनुग्रह सहायता की भी घोषणा की। तौकते के कारण मरने वालों के परिजनों को 2 लाख और घायलों के लिए 50,000 रुपये देने की घोषणा की।
यह सहायता पूरे भारत में तौकते से प्रभावित सभी लोगों को दी जाएगी। अहमदाबाद हवाईअड्डे पर बैठक के दौरान पीएम ने गुजरात में कोविड-19 स्थिति का भी जायजा लिया। वही गुजरात में अब तक में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण करीब 45 लोगों को मौत हो गई।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चक्रवात से सबसे बुरी तरह प्रभावित सौराष्ट्र क्षेत्र में 15 लोगों की मौत हो गई। यह तूफान सोमवार रात को अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में राज्य के तट से गुजरा और देर रात डेढ़ बजे के आस-पास इसने राज्य में दस्तक दी। एक अधिकारी ने बताया कि भावनगर और गिर सोमनाथ तटीय जिलों में आठ-आठ लोगों की मौत हुई।
अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में पांच, खेड़ा में दो, आनंद, वडोदरा, सूरत, वलसाड, राजकोट, नवसारी और पंचमहाल जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। उन्होंने बताया कि 24 लोगों की मौत तूफान के दौरान दीवारें गिरने की वजह से हुई, वहीं छह लोगों की मौत उनपर पेड़ गिरने से हुई। पांच-पांच लोगों की मौत घर ढहने और करंट लगने से, चार लोगों की मौत छत ढहने से और एक व्यक्ति की मौत टावर गिरने की वजह से हुई।
वही तूफान से राज्य में भारी नुकसान हुआ है और एक अनुमान के मुताबिक, गुजरात को कुल करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान 1,400 करोड़ रुपये बिजली नेटवर्क को और लगभग 1,200 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र को दिए गए हैं। आम, केला और नारियल जैसी फसलें बर्बाद हो गई हैं। पेड़ों के गिरने से बिजली की लाइनें बाधित हो गई हैं और आंतरिक और प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे राहत कार्य प्रभावित हुआ है।