प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150 वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, मां गंगा के सानिध्य में गंगासागर के निकट, देश की जलशक्ति के इस ऐतिहासिक प्रतीक पर, इस समारोह का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है। साथ ही उन्होंने इस बंदरगाह का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह रखने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, कोलकाता पोर्ट के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए आज सैकड़ों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया है। आदिवासी बेटियों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए हॉस्टल और स्किल डेवलपमेंट सेंटर का शिलान्यास हुआ है। यह बंदरगाह भारत के औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। आज, जब बंदरगाह अपनी 150 वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे न्यू इंडिया का एक शक्तिशाली प्रतीक बनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पश्चिम बंगाल की, देश की इसी भावना को नमन करते हुए मैं कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम, भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, बंगाल के विकास का सपना लेकर जीने वाले और एक देश, एक विधान के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, बंगाल के सपूत, डॉक्टर मुखर्जी ने देश में औद्योगीकरण की नींव रखी थी। चितरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री, हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री, सिंदरी फर्टिलाइज़र कारखाना और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन, ऐसे अनेक बड़ी परियोजनाओं के विकास में डॉक्टर मुखर्जी का बहुत योगदान रहा है। लेकिन देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबासाहेब अंबेडकर के सरकार से इस्तीफा देने के बाद, उनके सुझावों को लागू नहीं किया गया, जैसा कि उन्हें होना चाहिए था।
उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव कोशिश की जा रही है। विशेष तौर पर गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों के विकास के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही पश्चिम बंगाल राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि के लिए स्वीकृति देगी, यहां के लोगों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलने लगेगा।