प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता के बेलूर मठ से लोगों को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने स्वामी विवेकानंद को श्रद्वांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा, पिछली बार जब मैं यहां आया था, तो मैंने स्वामी आत्मस्थानंदजी का आशीर्वाद लिया था। आज वह हमारे साथ शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है। लेकिन उनका काम, उनका मार्ग, हमेशा रामकृष्ण मिशन के रूप में हमारा मार्गदर्शन करेगा।
उन्होंने कहा, हमें हमेशा स्वामी विवेकानंद जी को यह कहकर याद करना चाहिए कि ‘मुझमें 100 ऊर्जावान युवा और मैं भारत को बदल दूंगा’। हमारी ऊर्जा, और कुछ करने का जुनून, बदलाव के लिए आवश्यक है। इस दौरान पीएम मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा, मैं फिर से दोहराता हूं, नागरिकता अधिनियम किसी की नागरिकता को रद्द करने के लिए नहीं है, बल्कि नागरिकता देने के लिए है।
आजादी के बाद, महात्मा गांधी जी और उस समय के अन्य बड़े नेताओं का मानना था कि भारत को पाकिस्तान की धार्मिकता को बनाए रखने के लिए नागरिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा, आपने इसे बहुत स्पष्ट रूप से समझा। लेकिन राजनीतिक खेल खेलने वाले जानबूझकर समझने से इनकार करते हैं। नए नागरिकता संशोधन कानून पर अफवाहें फैलाकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। मैं हम नागरिकता दे ही रहे हैं, किसी की भी नागरिकता छीन नहीं रहे हैं।
इसके अलावा आज भी किसी भी धर्म का व्यक्ति,भगवान मैं मानता हो न मानता हो,जो व्यक्ति भारत के संविधान को मानता है, वो तय प्रक्रियाओं के तहत, भारत की नागरिकता ले सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, युवा जोश, युवा ऊर्जा ही 21वीं सदी के इस दशक में भारत को बदलने का आधार है। नए भारत का संकल्प, आपके द्वारा ही पूरा किया जाना है। ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, उनसे टकराओ, उन्हें सुलझाओ।