लद्दाख के लेह और हिमाचल प्रदेश के मनाली को जोड़ने वाली दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल बनकर तैयार हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को इस टनल का उद्घाटन कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम के मुताबिक, वह सुरंग का उद्घाटन करने के लिए तीन अक्टूबर को मनाली आएंगे तथा लाहौल की यात्रा करेंगे।
टनल की खासियत
मनाली से लेह को जोड़ने वाली अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी हाइवे टनल है। इसमें हर 60 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। टनल के अंदर हर 500 मीटर की दूरी पर इमर्जेंसी एग्जिट भी बनाए गए हैं। टनल के अंदर फायर हाइड्रेंट भी लगाए गए हैं जिससे किसी प्रकार की अनहोनी में इसका इस्तेमाल किया जा सके। टनल की चौड़ाई 10.5 मीटर है। इसमें दोनों ओर 1-1 मीटर के फुटपाथ भी बनाए गए हैं।
अटल टनल बनाने का फैसला
टनल बनाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को वाजपेयी की सरकार द्वारा लिया गया। तत्कालीन सरकार ने रोहतांग दर्रे पर अटल बनाने की परियोजना की घोषणा की। अटल के दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। कुल 8.8 किलोमीटर लंबी यह अटल 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी अटल है। साल 2019 में वाजपेयी के नाम पर ही सुरंग का नाम अटल अटल रखा गया।
करीब 3,500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अटल टनल रक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इससे मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही लाहौल-स्पीति के निवासियों को सर्दियों में इससे बहुत फायदा होगा। टनल के खुलने से हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख के बीच हर मौसम में सुचारू रहने वाला मार्ग मिल जाएगा। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण छह महीने तक इस हिस्से का देश के शेष भाग से संपर्क टूट जाता है।